Browsing Category
इन दिनों
केजरीवाल की शह और मात
अन्ना आंदोलन के केंद्र में जन लोकपाल था। आज कल यह जन लोकपाल कहाँ हैं? इसे भ्रष्टाचार रोकने के लिए रामबाण माना गया था।
नव वर्ष, आदिवासियत और उलटबाँसी
नव वर्ष में क्या हिन्दू, क्या मुसलमान- सभी जश्न मनाने निकल पड़ते। कुछ लोग लिख रहे हैं कि यह नव वर्ष ईसाइयों का है।
राष्ट्रपति भवन और सड़क पर करतब दिखाती लड़की
आज जिस आलीशान भवन में राष्ट्रपति रहते हैं, वहाँ वायसराय रहा करते थे। विश्व के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के भवन से बड़ा है राष्ट्रपति भवन।
दिल्ली, अलवर और चकराता मन
दिल्ली में कंपकंपाती ठंड ही नहीं है, बल्कि कंपकंपाता मन भी है। दिल्ली को उदार होना चाहिए।
सुबह सुबह भीगी दिल्ली
देश को भरोसे में लेकर अर्थव्यवस्था के लिए नया रास्ता ढूँढना चाहिए। लोकतंत्र संसाधनों और विचारों को विकेंद्रित करने से मजबूत होगा।
आदतें और रामभद्राचार्य
मोहन भागवत ने कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं ढूँढनी चाहिए तो रामभद्राचार्य ने उन्हें चुनौती दे डाली और कहा कि वो धर्माचार्य नहीं हैं।
ईसा, प्रकृति और तथाकथित संन्यासी
ईसा मसीह माफ करना जानते थे। यहाँ अक्सर धर्म को जानने का दावा करने वाले तथाकथित संन्यासी पाखंड परोसते रहते हैं।
देश के अंदर उगता एक देश
देश के कस्बों और गाँवों में एक और देश उग रहा है। हम इसे पहचानते रहें, क्योंकि देश के अंदर दो देशों के बीच संघर्ष हो रहा है।
कागज नहीं दिखायेंगे
कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि याचिकाकर्ता को चुनाव से संबंधित सभी कागज दें। इस आदेश के बाद चुनाव कानूनों में हीं बदलाव कर दिया गया।
लेखक, प्रकाशक और समाज के यक्ष प्रश्न
लेखक और प्रकाशक को इतना संसाधन समाज और सरकार मुहैया क्यों नहीं करवाता जिससे वह स्वतंत्रतापूर्वक अपना काम कर सके।