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poem
एक कवि, जिनकी कविता में ग्राम्य जीवन की संस्कृति बोलती है
जिस रचनाकार से मेरा परिचय होता है, उनका नाम है, राम जीवन शर्मा 'जीवन'। जिनकी कविता में ग्राम्य जीवन की संस्कृति बोलती है।
व्यंग्य – एक दिवसीय मजिस्ट्रेट!
एक दिवसीय मजिस्ट्रेट- सलाह वाले वाक्यों के अंतिम अधूरे वाक्यांश ने घंटों से 'बनी-बनायी' मेरी मजिस्ट्रेट वाली फुल फीलिंग पर सेकेंड में पानी फेर दिया।
महाकवि आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री की गौ भक्ति
निराला निकेतन के परिसर में अनेक गायों की समाधि आज भी महाकवि आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री की गो भक्ति की निशानी के रूप में मौजूद हैं
मन की बात
आँखें मूँद कर मुहब्बत को महसूस करने की कई बार कोशिश की..एक बार तो यूँ लगा जैसे कैलाश मानसरोवर की ऐसी घाटी में अकेले विचर रही हूँ