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सत्यार्थ यात्रा

एक दार्शनिक अपनी अर्धांगिनी के साथ एक यात्रा पूरी करने निकला। उसने छह महीने लंबे सफर की कल्पना की, और उसका नाम “सत्यार्थ यात्रा” रखा गया।

पब्लिक पालिका: स्थानीय लोकतंत्र और आर्थिक सशक्तिकरण का नया युग

एक ऐसी दुनिया, जहाँ लोगों की आवाज़ न केवल सुनी जाती है, बल्कि वह सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित करती है कि संसाधनों का प्रबंधन कैसे हो, करों का आवंटन कैसे किया जाए, और सार्वजनिक सेवाओं का वितरण कैसे किया जाए।