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सत्यार्थ यात्रा
एक दार्शनिक अपनी अर्धांगिनी के साथ एक यात्रा पूरी करने निकला। उसने छह महीने लंबे सफर की कल्पना की, और उसका नाम “सत्यार्थ यात्रा” रखा गया।
बालासोर से कोणार्क की ओर
बालासोर से कोणार्क के रास्ते ने कई छोटे-छोटे पहाड़ों, नदियों और हरे-भरे खेतों से रूबरू करवाया। इस यात्रा ने जीवन के पुराने पन्ने पलटने पर मजबूर कर दिया।
सत्यार्थ यात्रा: पहला पड़ाव बालासोर
सुकांत ने गूगल की मदद से बालासोर को अपना पहला पड़ाव बनाया और अपनी अर्धांगिनी को लेकर वह “सत्यार्थ यात्रा” पर निकल पड़ा।
सत्यार्थ यात्रा: एक जिज्ञासा
एक दार्शनिक अपनी अर्धांगिनी के साथ एक यात्रा पूरी करने निकला। उसने छह महीने लंबे सफर की कल्पना की, और उसका नाम “सत्यार्थ यात्रा” रखा गया।
पब्लिक पालिका: स्थानीय लोकतंत्र और आर्थिक सशक्तिकरण का नया युग
एक ऐसी दुनिया, जहाँ लोगों की आवाज़ न केवल सुनी जाती है, बल्कि वह सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित करती है कि संसाधनों का प्रबंधन कैसे हो, करों का आवंटन कैसे किया जाए, और सार्वजनिक सेवाओं का वितरण कैसे किया जाए।