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पब्लिक पालिका ही लोकतंत्र को बचा सकती है
अगर लोकतंत्र बचाना है तो लोक को पब्लिक की ऐसी पालिका बनानी होगी जिसके केंद्र में सामूहिकता हो।
हुनरमंदों के मालिक से मजदूर बन जाने की दास्तान
कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण तो कुछ आर्थिक और राजनीतिक नीतियों के कारण मालिक से मजदूर बन जाने की दास्तान।
न्यायपालिका के फैसले और सामाजिक दरिंदगी
जस्टिस राम मनोहर मिश्र ने 11 साल की बच्ची के संदर्भ में फैसला सुनाया है कि बच्ची के निजी अंग पकड़ना और नाड़ा तोड़ना दुष्कर्म की कोशिश नहीं है।
पिपली लाइव के बहाने तेरी-मेरी उनकी बात
भारत की कृषि और देश के किसान आज किस दयनीय हालत में है, उसे पिपली लाइव फिल्म से समझा जा सकता है।
कब्र खोदना है या स्पेस में जाना है
सुनीता विलियम्स के आंतरिक्ष से लौटने की खबर छाई हुई है और हम हैं कि कब्र में भविष्य देख रहे हैं।
गड़े मुर्दे उखाड़ते नफरत के सौदागर
वास्तविकताओं से मुंह फेर नफ़रत के सौदागर गड़े मुर्दे उखाड़ते फिर रहे हैं और समाज में नफ़रत का ज़हर बो रहे हैं।
फिर आया है पल्टीमार मौसम
चुनाव लड़ने को इच्छुक प्रत्याशी दल के भीतर अपनी हैसियत भांप टिकट मिलने की सम्भावना को देखते हुए पल्टीमार राजनीति शुरू कर देते हैं
चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही
सरकार में बदलाव से भी आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। इसलिए चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही।
ग्रोक का जलवा और अंतर्राष्ट्रीय साजिश
एलन मस्क की कंपनी स्टार लिंक से हाथ मिलाने के लिए एयरटेल और जियो बेसब्र है, उस वक्त ग्रोक का जलवा जारी है।
नैतिकता के लिए संघर्ष
दुनिया नीति, नैतिकता और मूल्यबोध की संकट से गुजर रही है। जरूरत है इस पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध एक जुट संघर्ष की।