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कुष्ठ रोग निवृत्ति के साधक बाबा आमटे
मुरलीधर देवीदास बाबा आमटे का जन्म एक संपन्न देशस्थ ब्राह्मण परिवार में 26 दिसंबर 1914 को हुआ था।
वैश्विक दुनिया में हम सब
वैश्विक दुनिया में हम सब हैं या दुनिया को वैश्विक बनाना है तो विश्व के किसी भी हिस्से में बसने की आजादी होनी चाहिए।
गम के चार दिन, सितम के चार दिन
अमेरिका से भारतीय नागरिकों को हथकड़ियों में भेजा जा रहा है। ट्रंप ने अप्रवासियों को हाथ और कमर बाँध कर अपराधी की तरह उन्हें भेजा है।
महाकुंभ: सर चढ़कर बोली गंगा यमुनी तहज़ीब
महाकुंभ 2025 इसलिये भी याद रखा जायेगा कि नफ़रत फैलाने की लाख कोशिशों के बावजूद प्रयागराज में गंगा यमुनी तहज़ीब सर चढ़कर बोली।
निजी क्षणों के बयान
संसार की क्षणभंगुरता को जानते हुए भी बने रहने की कामना दुख का सबसे बड़ा कारण है। जीवन में कुछ पाने से ज्यादा त्यागना महत्वपूर्ण है।
कुंभ मेले का स्वर्गारोहण
बाबा बागेश्वर कह रहे हैं कि कुंभ मेले में लोग मरे नहीं, स्वर्ग गये हैं। स्वर्ग का ठिकाना जब उन्हें पता है तो वे सीधे स्वर्ग कूच क्यों नहीं कर जाते।
मानव जनित वैश्विक त्रासदी है भगदड़
मानव जनित वैश्विक त्रासदी है भगदड़ और इसतरह की अनियंत्रित भीड़ इकट्ठी होगी तो हादसों की संभावना बनी रहेगी।
दलित युवती, विवेकानंद और रामभद्राचार्य
अपार आध्यात्मिकता से लैस स्वामी विवेकानंद और आज के सनातन धर्म का प्रतीक रामभद्राचार्य जैसे लोग हैं तो इस पर पुनर्विचार की जरूरत तो है।
सूखे तालाब, मुख्यमंत्री और जनता
सूखे तालाब को तात्कालिक ढंग से पानी भर कर मुख्यमंत्री से उद्घाटन करवाना कितनी दुखदाई है, इसका अनुमान जनता को नहीं है।
प्रगति यात्रा की अधोगति
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा में बैनर पोस्टर का बहुत बड़ा योगदान है। प्रगति से ज्यादा जरूरी है प्रगति का प्रचार।