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देश
न्यायपालिका के फैसले और सामाजिक दरिंदगी
जस्टिस राम मनोहर मिश्र ने 11 साल की बच्ची के संदर्भ में फैसला सुनाया है कि बच्ची के निजी अंग पकड़ना और नाड़ा तोड़ना दुष्कर्म की कोशिश नहीं है।
पिपली लाइव के बहाने तेरी-मेरी उनकी बात
भारत की कृषि और देश के किसान आज किस दयनीय हालत में है, उसे पिपली लाइव फिल्म से समझा जा सकता है।
गड़े मुर्दे उखाड़ते नफरत के सौदागर
वास्तविकताओं से मुंह फेर नफ़रत के सौदागर गड़े मुर्दे उखाड़ते फिर रहे हैं और समाज में नफ़रत का ज़हर बो रहे हैं।
फिर आया है पल्टीमार मौसम
चुनाव लड़ने को इच्छुक प्रत्याशी दल के भीतर अपनी हैसियत भांप टिकट मिलने की सम्भावना को देखते हुए पल्टीमार राजनीति शुरू कर देते हैं
चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही
सरकार में बदलाव से भी आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। इसलिए चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही।
नैतिकता के लिए संघर्ष
दुनिया नीति, नैतिकता और मूल्यबोध की संकट से गुजर रही है। जरूरत है इस पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध एक जुट संघर्ष की।
प्रेम व सद्भाव का प्रतीक बना होली का त्यौहार
भारत की सांझी गंगा यमुनी तहजीब का दर्शन कराने वाला होली का त्यौहार प्रेम व सद्भाव का प्रतीक बना।
बुरा ना मानो महोत्सव के बहुआयामी पहलू
समय के साथ प्रह्लाद युग से 5-जी युग तक मनाये जाने वाले 'बुरा ना मानो महोत्सव' के रीति और प्रकृति में काफी कुछ बदलाव आया है।
जरूरत है ग्राम स्वराज की
गांधी जी ने 1907 में ग्राम स्वराज नाम की एक पुस्तक लिखी और आजादी के बाद देश में ग्राम स्वराज की स्थापना का सपना देखा।
धर्म की टोपी और राज का सपना
राजनीतिक दल धर्म का इस्तेमाल सिर्फ जनता को लुभाने के लिए करते हैं। धर्म से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाता है।