Browsing Category
ठाकुर का कोना
दो वर्ग दृष्टिकोण के बीच टकराव
एक वर्ग का दृष्टिकोण वैज्ञानिक और तर्क संगत है और दूसरा अंध आस्था वाला अवैज्ञानिक दृष्टिकोण है।
जाति प्रथा और जातिवादी राजनीति
राजनीति में जातीय समीकरण की बात कोई नई नहीं है। आजादी के बाद से ही जातिवाद व जातिवादी राजनीति इस देश के लिए नासूर बना हुआ है।
प्रेमचंद की दृष्टि में पूंजीवादी अर्थनीति
पूंजीवादी अर्थनीति में उत्पादन उपभोग के उद्देश्य से नहीं, मुनाफे के उद्देश्य से किया जाता है।
भगत सिंह की क्रांति सम्बन्धी अवधारणा
आज भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहादत दिवस है। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की गैर समझौतावादी धारा के ये महान क्रांतिकारी रहे हैं।
वे नौजवान, जो हंसते-हंसते बलिदान हुए
सांडर्स हत्या कांड और असेम्बली बम कांड के कारण भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों महान क्रांतिकारियों को एक साथ फांसी दी गई थी।
हुनरमंदों के मालिक से मजदूर बन जाने की दास्तान
कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण तो कुछ आर्थिक और राजनीतिक नीतियों के कारण मालिक से मजदूर बन जाने की दास्तान।
पिपली लाइव के बहाने तेरी-मेरी उनकी बात
भारत की कृषि और देश के किसान आज किस दयनीय हालत में है, उसे पिपली लाइव फिल्म से समझा जा सकता है।
फिर आया है पल्टीमार मौसम
चुनाव लड़ने को इच्छुक प्रत्याशी दल के भीतर अपनी हैसियत भांप टिकट मिलने की सम्भावना को देखते हुए पल्टीमार राजनीति शुरू कर देते हैं
चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही
सरकार में बदलाव से भी आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। इसलिए चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही।
नैतिकता के लिए संघर्ष
दुनिया नीति, नैतिकता और मूल्यबोध की संकट से गुजर रही है। जरूरत है इस पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध एक जुट संघर्ष की।