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बिहार
घुन लगते समाज में लोकतंत्र
घुन लगते समाज में लोकतंत्र का सवाल। अप्रत्यक्ष रूप से गणतंत्र दिवस और संविधान पर भी सवाल उठा है।
सवाल अंग और अंगिका के
अंगिका की जिस तरह से लगातार उपेक्षा हुई वह सवाल बनकर खड़ी हुई है। अंगिका के लोग लड़ना जानते हैं।
अंगिका को लेकर आंदोलन शुरू
अंगिका बहता नीर है, लेकिन साजिश के तहत केंद्र सरकार ने भाषा कोड नहीं दिया जिसके कारन अंगिका को लेकर आंदोलन शुरू हो गया।
पूंजीवाद ही है भ्रष्टाचार की जड़
पूंजीवाद ही है भ्रष्टाचार की जड़ क्यूंकि भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई होती रही है लेकिन भ्रष्टाचार है कि रुकने के बदले बढ़ता ही है।
कहाँ हम, कहाँ आप
खबर यह है कि एलन मस्क और ट्रंप में खटपट हो गई है। ट्रंप ने ‘स्टारगेट’ प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें मस्क के प्रतिद्वंद्वी सैम ऑल्टमैन शामिल हैं।
लोकतंत्र में बंसखोर
इस लोकतंत्र में वर्षों से बसे बंसखोर की झोपड़ियां ठंड के समय में अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन के द्वारा उजाड़ दी गई।
खाद्य सामग्रियों में मिलावट और निरुपाय उपभोक्ता
मुनाफाखोर पूंजीवादी व्यवस्था ने दौलत अर्जित करने की होर में खाद्य सामग्रियों में भी मिलावट का धंधा बदस्तूर जारी कर दिया है।
बोलने के लिए भाषण और करने के लिए विरोध…
राहुल गाँधी जहां जा रहे हैं संघ और संघ प्रमुख को साथ ले जा रहे हैं। पटना में फिर इन्होने संघ के खिलाफ गर्जना की है।
बिहार में फासले की राजनीति!
बिहार में फिलहाल सरकार कहीं नहीं जा रही है। फासले की राजनीति शुरू हो गई है, उलट-पुलट की संभावना अवश्य बढ़ गयी है।
लोकतंत्र में ऐसी संवेदनहीनता उचित नहीं
सरकार को डल्लेवाल के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए किसान की मांग पर विचार करें क्योंकि लोकतंत्र में इतनी संवेदनहीनता उचित नहीं होती है।