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ठाकुर का कोना
जरूरत है ग्राम स्वराज की
गांधी जी ने 1907 में ग्राम स्वराज नाम की एक पुस्तक लिखी और आजादी के बाद देश में ग्राम स्वराज की स्थापना का सपना देखा।
नशाबंदी का एक नायाब अभियान
सोनीपत जिले के हूल्लाहेडी गांव में आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन की ओर से नशाबंदी का एक नायाब अभियान चलाया गया।
समाज को बर्बाद करता पूंजीवाद
आर्थिक विषमता की बढ़ती खाई खास कर आधी आबादी की समस्या तो सभ्यता के प्रारंभ से लेकर वर्तमान में भी यथावत है।
समाज के विकास में बाधक है यह वैचारिक शून्यता
राजनीति के मामले में सर्वत्र आदर्श और मूल्य का संकट है। एक तरह से समाज के विकास में यह वैचारिक शून्यता बाधक है।
कुत्तों की एकजुटता का संदेश
पूंजीवादी व्यवस्था शोषितों की एकता में बड़ी बाधा है। वहीं धरती का निकृष्टतम जीव कुत्ता आज भी एकजुटता का संदेश देती है।
आधुनिक लोकतंत्र और दरिद्र-नारायण कहानी
इस आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था के शासकों के सामने लोक अपने हक हुकूक के लिए हाथ जोड़े गिरगिरा रहा है।
स्वामी सहजानंद सरस्वती का 136वीं जयंती
स्वामी सहजानंद सरस्वती का 136वीं जयंती। इनका जन्म 1889 में आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के देवा गांव में हुआ था।
प्रेमचंद की समाजवाद के प्रति आस्था
समाजवाद के प्रति आस्था ने हीं प्रेमचंद को अपने हक-अधिकार से वंचित शोषित -पीड़ित आवाम की पीड़ा को सशक्त अभिव्यक्ति देने की प्रेरणा दी।
यह सिंथेटिक समाज सेवा का दौर है
बेरोजगारी के जमाने में सिंथेटिक समाजसेवा का व्यवसाय आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बड़ा ही लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
यह मुफ्त की रेबड़ी नहीं, जनता का वाजिब हक है
लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के सुखी जीवन जीने के लिए तमाम मूलभूत सुविधाएं मुफ्त की रेबड़ी नहीं, जनता का वाजिब हक है।