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ठाकुर का कोना
वे नौजवान, जो हंसते-हंसते बलिदान हुए
सांडर्स हत्या कांड और असेम्बली बम कांड के कारण भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों महान क्रांतिकारियों को एक साथ फांसी दी गई थी।
हुनरमंदों के मालिक से मजदूर बन जाने की दास्तान
कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण तो कुछ आर्थिक और राजनीतिक नीतियों के कारण मालिक से मजदूर बन जाने की दास्तान।
पिपली लाइव के बहाने तेरी-मेरी उनकी बात
भारत की कृषि और देश के किसान आज किस दयनीय हालत में है, उसे पिपली लाइव फिल्म से समझा जा सकता है।
फिर आया है पल्टीमार मौसम
चुनाव लड़ने को इच्छुक प्रत्याशी दल के भीतर अपनी हैसियत भांप टिकट मिलने की सम्भावना को देखते हुए पल्टीमार राजनीति शुरू कर देते हैं
चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही
सरकार में बदलाव से भी आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। इसलिए चुनाव से सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नही।
नैतिकता के लिए संघर्ष
दुनिया नीति, नैतिकता और मूल्यबोध की संकट से गुजर रही है। जरूरत है इस पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध एक जुट संघर्ष की।
जरूरत है ग्राम स्वराज की
गांधी जी ने 1907 में ग्राम स्वराज नाम की एक पुस्तक लिखी और आजादी के बाद देश में ग्राम स्वराज की स्थापना का सपना देखा।
नशाबंदी का एक नायाब अभियान
सोनीपत जिले के हूल्लाहेडी गांव में आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन की ओर से नशाबंदी का एक नायाब अभियान चलाया गया।
समाज को बर्बाद करता पूंजीवाद
आर्थिक विषमता की बढ़ती खाई खास कर आधी आबादी की समस्या तो सभ्यता के प्रारंभ से लेकर वर्तमान में भी यथावत है।
समाज के विकास में बाधक है यह वैचारिक शून्यता
राजनीति के मामले में सर्वत्र आदर्श और मूल्य का संकट है। एक तरह से समाज के विकास में यह वैचारिक शून्यता बाधक है।