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बड़ी ख़बर
बाल संरक्षण में हमारी जिम्मेदारी
बाल संरक्षण वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी देखभाल में बच्चों को नुकसान से बचाएं।
समाज को बर्बाद करता पूंजीवाद
आर्थिक विषमता की बढ़ती खाई खास कर आधी आबादी की समस्या तो सभ्यता के प्रारंभ से लेकर वर्तमान में भी यथावत है।
अपराध की दुनिया ऑक्टोपस की तरह
अपराध की दुनिया ऑक्टोपस की तरह है। इसलिए इसका आकलन और विवेचन एकतरफा मत कीजिए, इसके कई आयाम हैं।
समाज के विकास में बाधक है यह वैचारिक शून्यता
राजनीति के मामले में सर्वत्र आदर्श और मूल्य का संकट है। एक तरह से समाज के विकास में यह वैचारिक शून्यता बाधक है।
यूरोपीय देशों में सनसनी
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और ट्रंप के बीच तनातनी के बाद यूरोपीय देशों में गर्मी आ गई।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव सभ्यता के सामने चुनौती
अमानवीय बुद्धि द्वारा लिए जाने वाले फैसलों पर संसार कैसे नियंत्रण करेगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव सभ्यता के सामने चुनौती है।
आधुनिक लोकतंत्र और दरिद्र-नारायण कहानी
इस आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था के शासकों के सामने लोक अपने हक हुकूक के लिए हाथ जोड़े गिरगिरा रहा है।
मेरा नाम आजाद है
आजाद एक ऐसा शब्द है जो महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद के साथ जुड़ा है। मेरा नाम आजाद है।
स्वामी सहजानंद सरस्वती का 136वीं जयंती
स्वामी सहजानंद सरस्वती का 136वीं जयंती। इनका जन्म 1889 में आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के देवा गांव में हुआ था।
आजाद देश में गुलाम किसान
पहले बीज किसानों के पास होता था, अब पूँजीपतियों के पास है। नतीजा है कि आजाद देश में किसान गुलाम होती गई।