प्राचीन भारत में गाय की सामाजिक स्थिति
प्राचीन भारत में गाय का स्थान केवल एक पशुधन के रूप में नहीं, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था, धर्म और संस्कृति के केंद्र में था। वह जीवन के विभिन्न पहलुओं में इतनी गहराई से जुड़ी हुई थी कि उसे “गौमाता” और “कामधेनु” जैसे सम्मानसूचक नामों से पुकारा…