क्या तुमने फ़िराक़ को देखा है?
फ़िराक़ ने लिखा था- “ बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते है/ तुझे ऐ ज़िंदगी, हम दूर से पहचान लेते हैं ।” उनका मानना था-“ देवताओं का ख़ुदा से होगा काम/ आदमी को आदमी दरकार है ।”
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