“उपराष्ट्रपति चुनाव में I.N.D.I.A. गठबंधन जॉइंट कैंडिडेट उतार सकता है”
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025 । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के 3 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग ने इस पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। चुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी।
इस बीच, भाजपा इस पद के लिए अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित कार्यकर्ता को उम्मीदवार बना सकती है। फिलहाल जिन नामों पर पार्टी में विचार चल रहा है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। अन्य नाम सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का भी है।
वहीं, I.N.D.I.A. गठबंधन एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। न्यूज एजेंसी PTI सूत्रों के मुताबिक, भले ही NDA के पास बहुमत है, फिर भी विपक्ष मानता है कि मुकाबला पूरी तरह एकतरफा नहीं है। उसे चुनाव से पीछे नहीं हटना चाहिए।
आयोग ने इस पद के लिए निर्वाचक मंडल, रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य जरूरी चीजों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आयोग की तैयारियों के बीच भाजपा की कोशिश होगी कि इस पद का उम्मीदवार किसी अन्य सहयोगी को बनाने की जगह अपने उम्मीदवार का नाम तय कर उसके नाम पर सहयोगी दलों को राजी करे।
दरअसल, जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
संसद में NDA के पास बहुमत
- लोकसभा में कुल 542 सदस्यों में से NDA के पास 293 और I.N.D.I.A. गठबंधन के पास 234 सदस्य हैं।
- राज्यसभा में 240 सदस्यों की प्रभावी संख्या में से NDA को करीब 130 और I.N.D.I.A. गठबंधन को 79 सांसदों का समर्थन है।
- कुल मिलाकर NDA के पास 423 और INDIA ब्लॉक के पास 313 सांसदों का समर्थन है। शेष सदस्य किसी भी खेमे से जुड़े नहीं हैं।
गहलोत जातीय समीकरण में भी फिट थावरचंद गहलोत अभी कर्नाटक के राज्यपाल हैं। 77 वर्षीय गहलोत राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं साथ ही केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। भाजपा में वे सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। जातीय समीकरण (दलित) में भी वे फिट बैठते हैं। वह मध्य प्रदेश से हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है।
माथुर मोदी-शाह के करीबी ओम माथुर अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं। 73 वर्षीय माथुर पार्टी के कद्दावर नेता हैं और राजस्थान से आते हैं। वे गुजरात के चुनाव प्रभारी तब रहे हैं, जब पीएम मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे। वे मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। माथुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक रह चुके हैं।