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Baba Nama

मालेगांव का दोषी आखिर कौन?

सिल्क नगरी मालेगांव जिसके मखमली अहसास को एक विस्फोट ने छिन्न-भिन्न कर दिया था। यहां के सामाजिक समरसता की ताना-भरनी तार-तार हो गई थी। 29 सितंबर 2008 की उस मनहूस रात ने न केवल नींद छीन ली बल्कि जीने का आधार भी छीन ली। मालेगांव फिर सो नहीं…

बहुत बोलना इस दल की बीमारी तो नहीं 

बाबा विजयेन्द्र  कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी वरना मोदी ट्रंप का नाम अवश्य लिया होता। आखिर क्या है भारत की मजबूरी जो सरकार ट्रंप का नाम नहीं ले रही है। बड़ी मुश्किल से सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने के लिए तैयार हुई। पर जिस बात की…

इश्क के दरिया में डूब कर नहीं, लाइफ जैकेट के साथ जाइये

डूबने के लिए समंदर यों ही बदनाम है जानम, डूबने के लिए तो झील सी तेरी आंखें ही काफी है.... झील में डूबकर बेमतलब की आत्महत्या करने का अब मन नहीं करता। बहुत काम शेष पड़े हैं। वैसे शायरी का मैं ट्रक छाप प्रशंसक ही रहा हूँ। शायरी की कोई…