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विशेष
समाज का ऐसे हुआ वर्ग विभाजन
समाज में गरीब-अमीर अनादि काल से रहे है और रहेंगे। ऐसा अक्सर लोग कहते है। इसके लिए तर्क दिया जाता है कि जब हाथ की पांचों उंगलियां बराबर नहीं है तो फिर समाज में सभी बराबर कैसे हो सकते हैं? अमीर-गरीब तो भगवान ने बनाया है। उनका यह तर्क न तो…
विजयादशमी पर बाबासाहेब क्यूँ नहीं याद आए?
14 अक्टूबर 1956 आज भी संघ को रह-रह कर भयभीत करता है। संघ आज इस तिथि पर मौन है। संघ नहीं चाहता है कि इस तिथि को कोई याद करे!
रावण दहन तो हो गया, लेकिन —–!
अगर हम वर्तमान परिवेश में शक्ति की पूजा को बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की जीत और नारी-अस्मिता की रक्षा की दृष्टि से देखें तो जो स्थिति नजर आती है, वह बड़ी डरावनी है।
अब पूजा-पाठ भी बाजार की गिरफ्त में
शारदीय नव रात्र प्रारम्भ हो गया है। नौ दिनों तक शक्ति की देवी दुर्गा के नौ रूपों की अराधना होगी। शास्त्रों में दुर्गा के नौ रूप बताए गये हैं --- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, काल रात्रि, महागौरी और…
हाड़ मांस के एक पुतले की याद
गांधी के निंदक भी, खुद को गांधी से मुक्त नहीं कर पाते। इस व्यक्ति में ऐसा कुछ तो था ही, जिसे नाथूराम की गोली मार नहीं सकी।
जयंती विशेष: गांधी को याद करते हुए
बापू ! आज 2अक्टुबर है। आपकी 155वीं जयंती। देश भर में आज के दिन आपको याद करने की, आजादी आंदोलन में आपके योगदान की चर्चा करने की, आपके आदर्शों पर चलने वास्ते कसमे खाने की धूम मची है। आपके नाम का कीर्तन करते, आपके सिद्धान्तों के विरुद्ध आचरण…
जयंती विशेष: राष्ट्र के महानिर्माता, दीनदयाल उपाध्याय
भारत के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पं दीनदयाल उपाध्याय कुशल संगठक, बौद्धिक चिंतक और भारत निर्माण के स्वप्नदृष्टा के रूप में आज तलक कालजयी हैं।
सिनेमाई निर्माताओं को मिलेगा बिहार का आतिथ्य भाव : नीतीश मिश्रा
हिन्दी फिल्मों के निर्माताओं को 25 प्रतिशत तक और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी की घोषणा
श्रम की प्रतिष्ठा का अनुष्ठान है विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा को श्रम का देवता माना गया है।उन्हें सृजन , निर्माण , वास्तुकला, मूर्तिकला ,शिल्पकला , विभिन्न औजारों , और वाहनों का अधिष्ठाता कहा जाता है।कहा तो यह भी जाता है कि सतयुग में स्वर्गलोक ,त्रेता में सोने की लंका ,द्वापर में द्वारिका…
अनन्त चतुर्दशी विशेष
इस दिन भगवान विष्णु और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर अनंत सूत्र बांधने की परम्परा है