ट्रम्प के जन्म‑भूमि नागरिकता आदेश पर तीसरी बार स्थगन, फ़ेडरल जज ने लगाया रोक
वाशिंगटन , 26 जुलाई 2025 । अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस आदेश को फिर से रोक दिया है जिसमें कहा गया था कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो उस बच्चे को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी।
यह तीसरी बार है जब अदालत ने ट्रम्प का यह आदेश लागू होने से रोका है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले पर आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा, लेकिन जब तक वहां से कोई आदेश नहीं आता, ट्रम्प का ये नियम लागू नहीं होगा।
ट्रम्प ने अपने शपथ ग्रहण वाले दिन यानी 20 जनवरी को एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर बर्थ राइट सिटीजनशिप पर रोक लगा दी थी। इसके कुछ ही दिन बाद अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता अधिकार समाप्त करने के फैसले पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी थी।
28 जूनः कोर्ट ने ट्रम्प के पक्ष में फैसला दिया था
इससे पहले 28 जून को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रम्प के पक्ष में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालतों के जज ट्रम्प के जन्म से जुड़ी नागरिकता वाले आदेश पर पूरे देश में रोक नहीं लगा सकते हैं। उन्हें अपने आदेश पर फिर से विचार करना चाहिए।
ये जज ट्रम्प के फैसले पर रोक लगाकर उनके काम में लगातार अड़चन डाल रहे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऐसा करना उनके लिए मुश्किल हो गया था। इससे पहले भी अमेरिका की निचली अदालतों ने तीन अलग-अलग मुकदमों में ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता आदेश को लागू होने से पहले ही अस्थायी तौर पर रोक दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 के बहुमत से कहा था कि देश भर में नीतियों को रोकने का फैसला अकेले फेडरल जज नहीं कर सकता। अब अगर ट्रम्प के आदेश जैसे किसी मामले को रोकना होगा, तो उसे कई लोगों को मिलकर मुकदमा करना होगा, न कि सिर्फ एक राज्य या व्यक्ति को।
फैसला लिखने वाली जस्टिस एमी कोनी बैरेट ने कहा था- फेडरल कोर्ट्स का काम सरकारी आदेशों की निगरानी करना नहीं है। उनका काम संसद की तरफ से दी गई ताकतों के मुताबिक मामलों को हल करना है।