टीम इंडिया की स्पॉन्सर ड्रीम-11 रियल मनी कारोबार समेट रही
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सर और देश की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम-11 ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अपने रियल मनी कारोबार यानी कैश गेमिंग से जुड़ी गतिविधियों को समेटने का फैसला किया है। यह निर्णय सरकार और नियामक संस्थाओं की ओर से लगाए गए नए टैक्स ढांचे और कड़े नियमों के बाद लिया गया है।
ड्रीम-11 लंबे समय से भारत में ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स की सबसे बड़ी कंपनी मानी जाती रही है। क्रिकेट के साथ-साथ फुटबॉल, कबड्डी और अन्य खेलों में भी कंपनी के लाखों यूजर्स सक्रिय हैं। लेकिन हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए 28% जीएसटी और इसके अनुपालन से जुड़ी जटिलताओं ने इस कारोबार पर भारी दबाव बना दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अब अपनी रणनीति को बदलते हुए फ्री-टू-प्ले मॉडल और ब्रांड प्रमोशन पर ज्यादा ध्यान देगी। ड्रीम-11 का मानना है कि मौजूदा टैक्स संरचना और कानूनी विवादों के चलते रियल मनी गेमिंग मॉडल टिकाऊ नहीं रह गया है।
इस कदम का असर सीधा भारतीय क्रिकेट और स्पॉन्सरशिप की दुनिया पर भी पड़ सकता है। ड्रीम-11 भारतीय क्रिकेट टीम का किट स्पॉन्सर और कई बड़े टूर्नामेंट का टाइटल स्पॉन्सर भी है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि आने वाले महीनों में कंपनी अपनी मार्केटिंग और ब्रांड पोजिशनिंग को किस तरह आगे बढ़ाती है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि वह भारत में खेलों को प्रमोट करने की अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेगी और फैंटेसी स्पोर्ट्स का अनुभव बिना रियल मनी के भी यूजर्स तक पहुंचाएगी। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की नीतियां अगर स्थिर और पारदर्शी होतीं, तो इस क्षेत्र में रोजगार और निवेश की बड़ी संभावनाएं बनी रह सकती थीं।
लोकसभा और राज्यसभा से बिल को मंजूरी मिली
21 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने और उससे एक दिन पहले लोकसभा ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी।
इस बिल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था। अब ये बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा और फिर ये कानून बन जाएगा।
ड्रीम 11 की 67% कमाई रियल मनी सेगमेंट से
ड्रीम11 का रियल मनी गेमिंग सेगमेंट कंपनी की कुल कमाई का 67% हिस्सा है। यानी, कंपनी की ज्यादातर कमाई फैंटेसी क्रिकेट जैसे गेम्स से आती थी।
यहां यूजर्स पैसे लगाकर अपनी टीमें बनाते थे और जीतने पर कैश प्राइज पाते थे। नए बिल के तहत ये गेम्स अब गैरकानूनी हो गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के CEO हर्ष जैन ने कर्मचारियों को बताया कि नए कानून के तहत रियल मनी गेमिंग को जारी रखने का कोई कानूनी रास्ता नहीं है।
इस वजह से ड्रीम11 ने अपने इस कोर बिजनेस को बंद करने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अब अपने नॉन-रियल मनी गेमिंग वेंचर्स पर फोकस करेगी।
इसमें स्पोर्ट्स ड्रिप और फैनकोड शामिल है। इसके अलावा, कंपनी अपनी दूसरी इनवेस्टमेंट्स जैसे विलो टीवी और क्रिकबज को बढ़ाने और विदेशी बाजारों में विस्तार पर ध्यान देगी।