यक्ष, गाँधी और भगत सिंह
दौड़ती भागती ट्रेन की खिड़कियों से बाहर के दृश्य आकर्षक लगते हैं। सरकते पेड़-पौधे, रेल की पटरियां, गांव-घर, लोग, धान की हरीतिमा। कहीं कहीं पहाड़ और वे पहाड़ बरसात में जंगल बनने को आतुर रहते हैं।
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