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#SustainableDevelopment

GSI रिपोर्ट का खुलासा: उत्तराखंड के पहाड़ गंभीर खतरे में

उत्तराखंड । 01 अक्टूबर 25 । भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान (GSI) की हालिया रिपोर्ट ने उत्तराखंड के पहाड़ों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कई पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, भू-क्षरण और जलवायु परिवर्तन के चलते अस्थिरता…

गायों के लिए हेल्थ कार्ड योजना

भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में गायों का विशेष महत्व है। वे न सिर्फ ग्रामीण जीवन और कृषि उत्पादन से जुड़ी हैं, बल्कि दूध, गोबर और मूत्र जैसे उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण आजीविका का आधार भी बनती हैं। ऐसे में गायों का स्वस्थ रहना बेहद…

कृष्णायन का विस्तार मॉडल

कृष्णायन, एक ऐसा मिशन है जिसने ग्रामीण विकास और गौसंरक्षण को एक साथ जोड़कर एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है। इसका मूल उद्देश्य केवल गायों की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर ग्रामीण समाज, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता से भी…

डिजिटल पत्रकारिता में गौ-संवाद

आज के डिजिटल युग में पत्रकारिता केवल समाचार तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज और संस्कृति के हर पहलू को व्यापक स्तर पर सामने लाने का माध्यम बन चुकी है। भारत में गाय केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यावरणीय संतुलन और…

गौवध विरोधी कानूनों की समीक्षा

भारत में गाय को धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्राचीन काल से ही गाय को “माता” का दर्जा दिया गया है और समाज में इसका विशेष स्थान रहा है। इसी परंपरा और भावनात्मक जुड़ाव को देखते हुए विभिन्न राज्यों…

स्कूलों में गौसंरक्षण की शिक्षा जरूरी क्यों?

भारत में गाय सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक, गाय की भूमिका अत्यंत व्यापक है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या आने वाली…

क्या गौशालाओं को अधिक समर्थन मिलना चाहिए?

भारत में गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक मानी जाती है। प्राचीन समय से ही गाय को "कामधेनु" के रूप में पूजा गया है और उसकी सेवा को पुण्य का कार्य बताया गया है। वर्तमान समय में, जब औद्योगीकरण और शहरीकरण तेजी से…

गाँव की महिलाओं का योगदान गौसेवा में

भारतीय ग्रामीण समाज की रीढ़ महिलाएँ हैं। घर-परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ वे कृषि, पशुपालन और समाज सेवा में भी अहम भूमिका निभाती हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक दृष्टि से ऊँची सेवा है गौसेवा। गाँव की महिलाएँ न केवल अपनी…

कैसे एक NRI ने किया कृष्णायन को सहयोग

कृष्णायन गौशाला आज समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण और गौसंरक्षण का एक अनोखा केंद्र बन चुकी है। यहाँ न केवल गायों की देखभाल और सेवा होती है, बल्कि ग्रामीणों, बच्चों और वृद्धजनों को भी एक नए जीवन मूल्य से जोड़ने का कार्य किया जाता है। इस महान…

गोबर से निर्मित पर्यावरण उत्पाद – दीये, पेंट

भारत में गाय का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत अहम है। पारंपरिक रूप से गोबर का उपयोग ईंधन, खाद और घर की लिपाई-पुताई में किया जाता रहा है। लेकिन आधुनिक समय…