बिहार में सामाजिक न्याय और भाजपा
बिहार लोकतंत्र का केंद्र रहा है। यह बात अलग है कि पहले बिहार में लोकतान्त्रिक चेतना हुआ करती थी, पर आज वह लोकचेतना, जातीय चेतना में परिवर्तित हो गयी है। वह लोक अब जाति बन गयी है। लोक-सघर्ष अब जातीय-संघर्ष हो गया है।
बिहार के लिए…