मालेगांव का दोषी आखिर कौन?
सिल्क नगरी मालेगांव जिसके मखमली अहसास को एक विस्फोट ने छिन्न-भिन्न कर दिया था। यहां के सामाजिक समरसता की ताना-भरनी तार-तार हो गई थी। 29 सितंबर 2008 की उस मनहूस रात ने न केवल नींद छीन ली बल्कि जीने का आधार भी छीन ली। मालेगांव फिर सो नहीं…