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2047 तक ‘गौसंरक्षित भारत’ का सपना: क्या संभव है?

भारत की संस्कृति और परंपराओं में गाय का स्थान विशेष है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में गाय न केवल दूध और पोषण का स्रोत रही है, बल्कि पर्यावरण, ग्रामीण आजीविका और सांस्कृतिक पहचान का भी अभिन्न अंग है। ऐसे में स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक…

शहरी भारत में गौशालाओं की आवश्यकता

शहरीकरण और गौपालन की चुनौती भारत तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। बड़े-बड़े शहरों में विकास की रफ्तार ने एक ओर आधुनिक सुविधाएँ दी हैं, वहीं दूसरी ओर पशुधन प्रबंधन की समस्या भी खड़ी की है। अक्सर सड़कों पर आवारा घूमती गायें, ट्रैफिक जाम का…

गाय आधारित ग्रामीण सतत विकास

ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में गायों का विशेष स्थान है। पारंपरिक भारतीय समाज में गाय केवल दूध का स्रोत नहीं रही, बल्कि कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक स्थिरता का भी प्रमुख आधार रही है। आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन,…

कृष्णायन गौशाला की इको-फ्रेंडली पहल

भारत में गौशालाएँ केवल गायों की देखभाल और संरक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अब पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं। हरिद्वार स्थित कृष्णायन गौशाला अपनी इको-फ्रेंडली पहलों के लिए एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत…

जलवायु परिवर्तन और देशी गायों की महत्ता

आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के गंभीर संकट से जूझ रही है। बढ़ते औद्योगिकीकरण, रासायनिक खेती, वनों की कटाई और अनियंत्रित कार्बन उत्सर्जन के कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और मौसम…

गोबर गैस और कार्बन उत्सर्जन में कटौती

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुपालन और गोबर का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। परंपरागत रूप से गोबर का उपयोग खाद, ईंधन और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन आधुनिक समय में इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि गोबर गैस…

गाय और ग्रीन इंडिया मिशन

भारत में गाय केवल एक पशु नहीं बल्कि संस्कृति, परंपरा और जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है। हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण में भी गाय का योगदान अद्वितीय है। जब हम ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) की बात करते हैं, जिसका उद्देश्य वनों का…

कृष्णायन गौशाला का अनोखा पर्यावरण मिशन

भारत की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत में गौशालाओं का विशेष स्थान है। हरिद्वार स्थित कृष्णायन गौशाला न केवल गौसंरक्षण का केंद्र है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का एक प्रेरणादायी उदाहरण भी है। यहां गायों की सेवा और संरक्षण…

गाय के गोबर से निर्मित जैविक खाद और ऊर्जा

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में गाय को "गौ माता" कहा जाता है। सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और आर्थिक दृष्टि से भी गाय हमारे जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी है। गाय का दूध पोषक होता है, वहीं उसका गोबर और गोमूत्र भी कृषि, ऊर्जा और…