मराठी में बोलने को कहने पर छात्र की पिटाई, विद्यालय प्रशासन पर उठा सवाल
महाराष्ट्र , 26 जुलाई 2025 । महाराष्ट्र के एक स्कूल में भाषा को लेकर हुई एक घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। जानकारी के अनुसार, पुणे जिले के एक निजी स्कूल में एक शिक्षक ने छात्र को केवल इसलिए पीट दिया क्योंकि उसने शिक्षक से मराठी में बात करने की अपील की थी। यह मामला सामने आते ही राज्य भर में रोष फैल गया है और विद्यालय प्रशासन पर कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
घटना के अनुसार, 7वीं कक्षा का छात्र कक्षा में शिक्षक से कुछ सवाल मराठी भाषा में पूछना चाहता था। जब उसने शिक्षक से कहा कि “सर, कृपया मराठीमध्ये बोला”, तो शिक्षक भड़क गए और उन्होंने छात्र को सार्वजनिक रूप से डांटते हुए शारीरिक दंड दिया। इस दौरान अन्य छात्रों ने भी शिक्षक की तीखी प्रतिक्रिया देखी, जिससे बच्चे मानसिक रूप से भी प्रभावित हुए।
पालकों और सामाजिक संगठनों का आक्रोश:
छात्र के अभिभावकों ने तुरंत विद्यालय प्रशासन से शिकायत की, लेकिन शुरुआत में स्कूल ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। जब यह खबर स्थानीय मीडिया में आई, तब सामाजिक संगठनों और मराठी भाषा प्रेमियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और शिवसेना (ठाकरे गुट) के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर धरना दिया और कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने शिक्षक को तत्काल निलंबित करने और स्कूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया:
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने कहा, “मराठी महाराष्ट्र की राजभाषा है। यदि किसी छात्र को मराठी में बात करने पर दंडित किया जाता है, तो यह संविधान और राज्य की संस्कृति दोनों का अपमान है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
विद्यालय का बयान:
विवाद बढ़ने के बाद स्कूल प्रशासन ने बयान जारी करते हुए कहा कि वे मामले की आंतरिक जांच कर रहे हैं और संबंधित शिक्षक को फिलहाल छुट्टी पर भेज दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल में सभी भाषाओं का सम्मान किया जाता है और छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
यह घटना केवल भाषा से जुड़ा विवाद नहीं, बल्कि बच्चों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा मामला बन चुकी है। अब सभी की नजरें सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं। यह देखना होगा कि क्या वास्तव में दोषियों को सज़ा मिलती है या यह मामला भी धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा।