राहुल गांधी का हमला: मोदी की राजनीति सिर्फ शोबाज़ी, उनमें फैसले लेने का दम नहीं
नई दिल्ली, 26 जुलाई 2025 । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा राजनीतिक हमला करते हुए उन्हें “शोबाज़ी का उस्ताद” बताया और आरोप लगाया कि देश के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मोदी सिर्फ दिखावा करते हैं, असली फैसले लेने की क्षमता उनमें नहीं है।
यह बयान उन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया, जहां कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत बड़ी संख्या में समर्थक एकत्र हुए थे। राहुल ने रोजगार, महंगाई, किसानों की स्थिति, और सामाजिक सौहार्द जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा और प्रधानमंत्री को सीधे निशाने पर लिया।
राहुल का बयान:
सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा:
“मोदी जी की पूरी राजनीति कैमरा, स्टाइल और भाषण तक सीमित है। वो सिर्फ शो करते हैं – पहनावा बदलते हैं, झाड़ू लगाते हैं, मेट्रो में घूमते हैं, लेकिन देश के युवाओं को नौकरी देने, किसानों की मदद करने और महंगाई पर काबू पाने का कोई ठोस कदम नहीं उठाते। उनमें फैसले लेने का दम नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की नीतियां केवल बड़े पूंजीपतियों के हित में हैं और आम आदमी लगातार पीछे छूटता जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि “डिग्री होने के बावजूद लाखों युवा बेरोजगार हैं और सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं।”
सरकार और बीजेपी की प्रतिक्रिया:
राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी को “जवाबदेही” और “प्रदर्शन” में फर्क समझ नहीं आता। बीजेपी ने मोदी सरकार की योजनाओं और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस अब सिर्फ “नकारात्मक राजनीति” कर रही है।
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा:
“जिन्हें खुद अपने शब्दों और विचारों की गंभीरता का ज्ञान नहीं, वे देश के सबसे लोकप्रिय नेता की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं। जनता राहुल गांधी को बार-बार नकार चुकी है।”
राजनीतिक विश्लेषण:
राहुल गांधी का यह हमला आगामी विधानसभा चुनावों और 2029 लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी अब बीजेपी को सीधे मुद्दों पर घेरने की रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें आर्थिक असमानता, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी अपनी छवि को एक जुझारू विपक्षी नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि बीजेपी उन्हें “गंभीरता से लेने योग्य नहीं” बताने में जुटी है।
राहुल गांधी का यह बयान देश की सियासत में गर्मी ला रहा है। जहां एक ओर वह जनसमर्थन जुटाने की कोशिश में हैं, वहीं बीजेपी भी आक्रामक जवाब दे रही है। आने वाले समय में यह जुबानी जंग और तेज़ हो सकती है, खासकर जब देश चुनावी मोड में प्रवेश कर रहा है।