मोदी बोले: “हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है दूसरे देशों पर निर्भरता”
गुजरात , 20 सितम्बर 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक सार्वजनिक संबोधन में देश की आर्थिक और सामरिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा अन्य देशों पर अत्यधिक निर्भरता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत ही भविष्य की सुरक्षा और विकास की कुंजी है।
उन्होंने भावनगर में करीब 35 मिनट तक जनता को संबोधित किया। पीएम ने विकसित भारत, कानूनों में बदलाव और आत्मनिर्भर भारत का जिक्र किया।
पीएम ने कहा कि भारत आज विश्व बंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है दुनिया में हमारा कोई दुश्मन नहीं है। सच में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना है।
दूसरों पर निर्भर रहेंगे तो हमारे आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी। हम भावी पीढ़ी के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकते इसलिए कहते हैं 100 दुखों की एक दवा, वो है आत्मनिर्भर भारत।
पीएम सुबह 10 बजे भावनगर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने एयरपोर्ट से जवाहर ग्राउंड तक रोड शो किया। समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में सौराष्ट्र और गुजरात में 34,200 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का वर्चुअली उद्घाटन और शिलान्यास किया।
ये योजनाएं पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटरवेज मंत्रालय, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड और अन्य राज्यों के समुद्री बोर्ड से जुड़ी हुई हैं। इसके बाद पीएम धोलेरा का हवाई सर्वे भी करेंगे।
वहीं अहमदाबाद के लोथल में नेशनल मरीन हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (NMHC) का निरीक्षण करने भी जाएंगे।
PM मोदी का संबोधन, 3 बड़ी बातें…
दूसरे देशों पर निर्भरता सबसे बड़ा दुश्मन: भारत आज विश्व बंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है दुनिया में हमारा कोई दुश्मन नहीं है। सच में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यह हमारा दुश्मन है। हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना है।
कांग्रेस ने कौशल को नजरअंदाज किया: भारत में कौशल की कमी नहीं है लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज किया। छह-सात दशकों तक भारत वो सफलता हासिल नहीं कर सका जिसके हम हकदार थे। इसके दो बड़े कारण थे लंबे समय तक कांग्रेस सरकार ने देश को लाइसेंस कोटा राज में लटकाए रखा। जब ग्लोबलाइजेशन का दौर आया तो इंपोर्ट का रास्ता पकड़ लिया उसमें भी करोड़ों के घोटाले कर दिए।
100 साल पर विकसित भारत का सपना: भारत को अगर 2047 तक विकसित होना है तो भारत को आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। आत्मनिर्भर होने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। 140 करोड़ देशवासियों का एक संकल्प लेना चाहिए कि चिप हो या शिप हमें भारत में ही बनानी है। अब बिजनेस और कारोबार को और सरल करना है। मानसून सेशन के दौरान संसद में हमने कई पुराने कानूनों को बदला है जो अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं। मेरीटाइम सेक्टर में रिफॉर्म किया है। इन कानूनों के आने से शिपिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव आने वाला है।