भटकती गायों को सुरक्षित घर देने की पहल
भारत में सड़कों पर घूमती, भूखी-प्यासी और घायल गायें अक्सर देखने को मिल जाती हैं। यह दृश्य न केवल दयनीय होता है बल्कि समाज और पर्यावरण दोनों के लिए चिंता का विषय भी बन जाता है। ऐसे में विभिन्न संस्थाओं और गौशालाओं द्वारा शुरू की गई भटकती गायों को सुरक्षित घर देने की पहल वास्तव में सराहनीय कदम है।
इस पहल के तहत भटकती गायों को सड़कों और खेतों से बचाकर गौशालाओं में ले जाया जाता है। वहां उनके लिए भोजन, चारा, पानी और उचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। कई जगहों पर इनके लिए विशेष पोषण योजना बनाई जाती है ताकि वे पुनः स्वस्थ हो सकें।
इसके साथ ही, ऐसी गौशालाएँ स्थानीय लोगों को भी जोड़ती हैं। ग्रामीण समाज को गोसेवा से जोड़कर रोजगार और आत्मनिर्भरता की राह भी खोली जाती है। गायों से प्राप्त दूध, गोबर और गौमूत्र का उपयोग खेती, जैविक खाद और दवाओं के निर्माण में किया जाता है।
भटकती गायों को सुरक्षित घर देने की यह पहल केवल एक धार्मिक कार्य नहीं बल्कि मानवता और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक है। यह हमें सिखाती है कि पशु-पोषण और गौसेवा से समाज की आर्थिक और सामाजिक उन्नति दोनों संभव है।