अमेरिकी कोर्ट ने ट्रम्प के ज्यादातर टैरिफ को गैर-कानूनी बताया

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वॉशिंगटन, 30 अगस्त 2025 – अमेरिका की एक अपील कोर्ट ने ट्रम्प के ज्यादातर टैरिफ को गैरकानूनी बताया है। कोर्ट ने कहा है कि ट्रम्प ने टैरिफ लगाने के लिए इमरजेंसी पावर्स का इस्तेमाल किया, जिसका उन्हें कानूनी अधिकार नहीं था।

कोर्ट ने कहा कि ट्रम्प के पास हर आयात पर टैरिफ लगाने की असीमित शक्ति नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इस फैसले को अक्टूबर तक लागू करने से रोक दिया है, ताकि ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें।

150 दिन के लिए 15% टैरिफ ही लगा सकते हैं

कोर्ट ने कहा कि ट्रम्प 1974 के ट्रेड एक्ट के तहत 150 दिनों तक 15% टैरिफ लगा सकते हैं, लेकिन इसके लिए ठोस कारण चाहिए।

ट्रम्प ने चीन, कनाडा, मेक्सिको जैसे देशों पर व्यापार घाटे और अन्य कारणों से टैरिफ लगाए थे। इसके बाद छोटे व्यापारियों और कुछ राज्यों ने इन टैरिफ की शिकायत की थी, क्योंकि इससे उनकी लागत बढ़ रही थी।

ट्रम्प ने 2017 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर अधिकतर देशों पर 10% से 50% तक आयात शुल्क लगाया था।

उन्होंने तर्क दिया था कि अमेरिका का व्यापार घाटा ही राष्ट्रीय आपातकाल है। इसके अलावा कनाडा, चीन और मेक्सिको से आने वाले सामान पर उन्होंने ड्रग्स और अवैध घुसपैठ रोकने के नाम पर भी टैरिफ लगाए।

भारत पर ट्रम्प ने 50% टैरिफ लगाया

ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया टैरिफ भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।

50% टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर, सी फूड जैसे भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। इससे इनकी मांग में 70% की कमी आ सकती है।

चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे कम टैरिफ वाले देश इन सामानों को सस्ते दाम पर बेचेंगे। इससे भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी कम होगी।

रूसी तेल खरीद की वजह से टैरिफ लगा

ट्रम्प ने 6 अगस्त को रूस से तेल खरीद पर जुर्माने के तौर पर इस टैरिफ का ऐलान किया था। वहीं, व्यापार घाटे का हवाला देकर 7 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया था।

भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था।

मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है।

पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है।

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