सृजनात्मक संकल्प और प्रकल्प है कृष्णायन- सुरेन्द्र अग्रवाल

गाय बचेगी अब गोपालकों से

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स्वराज डेस्क।

श्री कृष्णायन देसी गोवंश के संरक्षण की दिशा में अबतक प्रभावी और परिणामोत्पादक कदम उठाया। आज इस संस्था द्वारा चलाए गए अभियान की दृश्यमान उपलब्धियां देश के सामने है। संस्था द्वारा हजारों परित्यक्त,अशक्त, और असहाय गायों की रक्षा की गई।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और गुजरात की गौशालाएं आज मानक बनकर हमारे सामने हैं। गो संरक्षण के साथ साथ दूसरे चरण में कृष्णायन द्वारा गौसंवर्धन का काम शुरू किया गया है। हमारा मानना है कि केवल गोशाला खोलने से ही गाय नहीं बचेगी। गाय बचेगी अब गोपालकों से। घर घर गोपालन की संस्कृति विकसित हो इस दिशा में हम जन जागरण कर रहे हैं।
घर-घर जब गाएं पाली जाएगी और इनके उत्पाद को जब लाभकारी मूल्य मिलेगा तब उत्साह का वातावरण बनेगा।
उपर्युक्त बातें कृष्णायन के प्रवक्ता श्री सुरेन्द्र अग्रवाल ने एक मुलाकात में बताया। आगे उन्होंने कहा हम दुग्ध प्रसंस्करण पर भी काम कर रहे। किसानों के समूह तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावे गो- आधारित खाद, खेती, और खलिहान से भी हम जुड़ रहे हैं। इससे गोआधारित जीवन मूल्य की पुनर्स्थापना हो का भरसक प्रयास कर रहे हैं। यह विडंबना ही है कि कल गाय हमें पालती थी, आज गाय को हम पाल रहे हैं?
सरकार की अपनी सीमा और संभावना होती है,पर समाज की शक्ति असीम होती है। समाज जब उठ खड़ा होगा तो महाराज के सपनों को हकीकत होने में देर नहीं लगेगी।
श्री अग्रवाल ने आगे बताया कि कृष्णायन का फलक अब बड़ा हो रहा है। हम समाज के असहायों को भी भिन्न-भिन्न सुविधा प्रदान कर रहे है। रोटी कपड़ा मकान सबको सुलभ हो, शिक्षा और स्वास्थ्य भी सर्वसुलभ हो ऐसी संकल्पना के साथ हम काम कर रहे हैं।इस निमित्त कई प्रकल्प हमारे खड़े हो चुके हैं।

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