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पशु-पोषण में आत्मनिर्भरता की मिसाल: कृष्णायन

कृष्णायन गौशाला केवल गौ-सेवा का केंद्र ही नहीं है, बल्कि यह पशु-पोषण में आत्मनिर्भरता का एक जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। आज जब पशुपालन और दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुके हैं, तब कृष्णायन ने अपनी योजनाओं और प्रबंधन के…

कृष्णायन गौशाला का अनोखा पर्यावरण मिशन

भारत की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत में गौशालाओं का विशेष स्थान है। हरिद्वार स्थित कृष्णायन गौशाला न केवल गौसंरक्षण का केंद्र है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का एक प्रेरणादायी उदाहरण भी है। यहां गायों की सेवा और संरक्षण…

गायों के लिए भोजन और चारे की योजना: एक नज़र

गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। उनकी देखभाल और पालन-पोषण केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आर्थिक, पोषण और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी गौशाला या पशुपालक के लिए गायों के भोजन…

कैसे कृष्णायन गौशाला गायों को पुनर्जीवन देती है?

भारत में गौशालाएँ केवल गोसेवा का केंद्र नहीं होतीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और ग्रामीण जीवन की धुरी मानी जाती हैं। हरिद्वार स्थित कृष्णायन गौशाला इस परंपरा का जीवंत उदाहरण है। यहाँ गायों को केवल आश्रय ही नहीं मिलता, बल्कि उनका…

हरिद्वार में गौसंरक्षण का सबसे प्रमुख केंद्र: कृष्णायन

हरिद्वार, जिसे गंगा की पावन नगरी और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र माना जाता है, हमेशा से भारतीय संस्कृति, परंपरा और धार्मिक मूल्यों का धरोहर रहा है। इसी पवित्र भूमि पर स्थापित कृष्णायन गौशाला आज गौसंरक्षण और गौसेवा का सबसे प्रमुख केंद्र बन चुकी…

कृष्णायन का पशु चिकित्सा मॉडल

कृष्णायन गौशाला न केवल गायों की सेवा और संरक्षण का केंद्र है, बल्कि यह पशु चिकित्सा सेवाओं का भी एक उत्कृष्ट मॉडल प्रस्तुत करती है। यहां पशुओं की देखभाल केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके संपूर्ण स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक शांति पर…

कृष्णायन गौशाला में गोसेवकों की भूमिका

भारतीय संस्कृति में गाय का स्थान अत्यंत पूजनीय माना गया है। न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी गाय भारतीय जीवन का अभिन्न अंग रही है। इसी भाव को जीवंत रूप देने का कार्य करती है कृष्णायन गौशाला, जहां गायों की सेवा,…

घायल और बीमार गायों के लिए कृष्णायन का समर्पण

भारत की संस्कृति में गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि मातृभावना और जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक मानी जाती है। प्राचीन काल से ही गाय का महत्व धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन में रहा है। आज जब नगरीकरण और औद्योगीकरण की तेज़ी ने पर्यावरण और मानवीय…

कृष्णायन गौशाला: सेवा, सुरक्षा और संवेदना का केंद्र

भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में गाय का स्थान विशेष और पूजनीय माना गया है। ग्रामीण जीवन, कृषि और धर्म से गहराई से जुड़ी गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि भारतीय जीवन-दर्शन का अभिन्न अंग है। इसी भाव को मूर्त रूप देने का प्रयास है – कृष्णायन गौशाला,…

भारत में गाय के प्रतीकात्मक महत्व पर एक दृष्टि

भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में गाय का स्थान अत्यंत विशिष्ट और पूजनीय माना जाता है। यह केवल एक पशु नहीं, बल्कि भारतीय समाज के नैतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक जीवन का अभिन्न प्रतीक है। गाय को 'माता' की संज्ञा दी जाती है और इसे…