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गाँव की महिलाओं का योगदान गौसेवा में

भारतीय ग्रामीण समाज की रीढ़ महिलाएँ हैं। घर-परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ वे कृषि, पशुपालन और समाज सेवा में भी अहम भूमिका निभाती हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक दृष्टि से ऊँची सेवा है गौसेवा। गाँव की महिलाएँ न केवल अपनी…

तीर्थ से सेवा तक: एक महिला की गौशाला कथा

भारत की परंपरा में तीर्थयात्रा केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी नहीं होती, बल्कि यह जीवन के गहरे उद्देश्यों की ओर भी संकेत करती है। कई लोग इन यात्राओं से लौटकर समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा पाते हैं। ऐसी ही एक महिला की कहानी है, जिसने अपने…

कैसे एक NRI ने किया कृष्णायन को सहयोग

कृष्णायन गौशाला आज समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण और गौसंरक्षण का एक अनोखा केंद्र बन चुकी है। यहाँ न केवल गायों की देखभाल और सेवा होती है, बल्कि ग्रामीणों, बच्चों और वृद्धजनों को भी एक नए जीवन मूल्य से जोड़ने का कार्य किया जाता है। इस महान…

पशु चिकित्सक की डायरी: गायों से जुड़ी भावुक यादें

पशु चिकित्सक का जीवन सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि भावनाओं, संवेदनाओं और करुणा से भरी हुई एक सतत यात्रा है। खासकर जब यह गायों जैसे निरपराध और भावनात्मक पशुओं से जुड़ा हो, तो हर दिन कुछ नया अनुभव और यादें लेकर आता है। गायों के साथ बिताया हर पल…

गायों ने कैसे दिया वृद्धों को नया उद्देश्य?

भारतीय संस्कृति में गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि जीवन का आधार मानी जाती है। आज जब आधुनिक जीवनशैली और परिवार संरचना बदल रही है, तब समाज के वृद्ध लोग अक्सर अकेलेपन और निराशा से जूझते हैं। इस बीच गायों के साथ जुड़ाव ने उनके जीवन को नई दिशा और…

गोशाला में आए बच्चों का अनुभव

भारत की संस्कृति में गाय का स्थान अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। गोशालाएँ केवल गायों की सेवा और संरक्षण का केंद्र नहीं होतीं, बल्कि यह बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा, संस्कार और अनुभव का एक अद्भुत स्थान भी बन जाती हैं। जब बच्चे…

एक साधक की यात्रा: गौशाला से समाधि तक

भारतीय संस्कृति में साधना, गौसेवा और आत्मिक विकास एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। इतिहास और परंपरा हमें यह सिखाते हैं कि आत्मिक शांति और ईश्वर की प्राप्ति केवल जंगलों और हिमालय की गुफाओं में ही नहीं, बल्कि सेवा, करुणा और समर्पण से भी…

गोसेवा से जीवन बदलने वाले स्वयंसेवकों के अनुभव

भारत में प्राचीन काल से ही गौसेवा को श्रेष्ठ सेवा माना गया है। गौशालाओं में जाकर स्वयंसेवा करने वाले अनेक लोग बताते हैं कि यह अनुभव न केवल सामाजिक योगदान देता है, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन लाता है। गाय की सेवा केवल…

कृष्णायन की एक गाय की पुनर्जीवित करने की प्रेरक कहानी

हरिद्वार स्थित कृष्णायन गौशाला न केवल गौसेवा का केंद्र है बल्कि करुणा, विज्ञान और परंपरा के अद्भुत संगम का प्रतीक भी है। यहाँ गौसेवकों का उद्देश्य सिर्फ गायों को आश्रय देना नहीं है, बल्कि उनकी जीवन रक्षा और पुनर्जीवन के लिए हर संभव प्रयास…

गोबर से निर्मित पर्यावरण उत्पाद – दीये, पेंट

भारत में गाय का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत अहम है। पारंपरिक रूप से गोबर का उपयोग ईंधन, खाद और घर की लिपाई-पुताई में किया जाता रहा है। लेकिन आधुनिक समय…