भागवत का बयान: डर के चलते भारत पर टैरिफ लगाया गया

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नई दिल्ली, । 13 सितम्बर 2025 । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि लोगों (अमेरिका) को डर है कि अगर भारत मजबूत हुआ तो उनका क्या होगा, इसलिए टैरिफ लगाए जा रहे हैं।

भागवत ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि ऐसे कदम वो लोग उठाते हैं, जो खुद को हमेशा चर्चा में देखना चाहते हैं। भागवत ने ये बातें नागपुर में ब्रह्माकुमारी विश्व शांति सरोवर के 7वें स्थापना दिवस पर कहीं।

दरअसल ट्रम्प ने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। यह 7 अगस्त को लागू हुआ। वहीं रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया, जो 27 अगस्त से लागू हुआ।

ट्रम्प का कहना था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर खुले मार्केट में बेच रहा है। इससे पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

भागवत बोले- दुनिया को मैं छोड़कर हम को समझना होगा भागवत ने आगे कहा कि जब तक मनुष्य अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक उन्हें और देशों को समस्याओं का सामना करना पड़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर हम दया दिखाएं और डर पर काबू पा लें, तो हमारा कोई दुश्मन नहीं रहेगा।

आज दुनिया समाधान खोज रही है, क्योंकि अपनी अधूरी दृष्टि के कारण वह आगे का रास्ता नहीं खोज पा रही है। उनके सिर्फ मैं वाले दृष्टिकोण के कारण उनके लिए रास्ता खोजना असंभव है।

भागवत बोले- भारत आगे का रास्ता दिखाने में सक्षम आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत देश महान है और भारतीयों को भी महान बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत बड़ा है लेकिन यह और भी बड़ा होना चाहता है।

भारतीयों में अपनेपन की प्रबल भावना होती है। कठिनाई और दुख में भी, यहां के लोग अपनेपन की इसी भावना के कारण संतुष्ट रहते हैं।

भागवत का संदेश

मोहन भागवत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह टैरिफ भारत की क्षमता का प्रमाण है। जब कोई देश दूसरों के लिए खतरे की तरह दिखने लगता है, तो उस पर इस तरह के कदम उठाए जाते हैं। भागवत का कहना है कि डर के चलते लगाए गए टैरिफ भारत की प्रगति का संकेत हैं, न कि कमजोरी का।

वैश्विक व्यापार और भारत की रणनीति

अंतरराष्ट्रीय व्यापार में टैरिफ और आयात-निर्यात नीतियां अक्सर राजनीतिक और आर्थिक रणनीतियों का हिस्सा होती हैं। विकसित देश अक्सर उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर अंकुश लगाने के लिए ऐसी नीतियों का सहारा लेते हैं। लेकिन भारत ने अपने घरेलू बाजार को मजबूत करके और तकनीकी नवाचारों पर जोर देकर इस दबाव को कम करने का प्रयास किया है।

भारत की ऊर्जा, आईटी, फार्मा और विनिर्माण क्षमता विश्व स्तर पर चर्चा में है। ऐसे में भागवत का बयान भारत की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जा सकता है।

जनता के लिए संदेश

भागवत का यह बयान केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को रेखांकित नहीं करता, बल्कि देश की जनता के लिए भी प्रेरणा का संदेश देता है। यह बताता है कि हमें आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करते रहना चाहिए। इससे न केवल भारत की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देश को एक निर्णायक शक्ति के रूप में देखा जाएगा।

मोहन भागवत का बयान “डर के चलते भारत पर टैरिफ लगाया गया” वैश्विक व्यापारिक राजनीति की वास्तविकताओं को उजागर करता है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब एक उभरती हुई ताकत है जिसे रोकना आसान नहीं। आने वाले समय में भारत अपनी आर्थिक और राजनीतिक शक्ति से दुनिया के मंच पर और भी मजबूत भूमिका निभाएगा।

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