अजरबैजान के राष्ट्रपति का भारत पर आरोप: अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई कूटनीतिक चुनौती

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अजरबैजान ,02 सितंबर, अजरबैजान के राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भारत द्वारा आर्मेनिया को हथियार उपलब्ध कराना दक्षिण काकेशस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहा है। राष्ट्रपति के इस बयान ने अचानक भारत और अजरबैजान के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।

यह बयान उन्होंने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात में दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने SCO की सदस्यता के लिए अजरबैजान की दावेदारी को खारिज कर दिया था। इसके पीछे उसकी पाकिस्तान से नजदीकी को वजह बताया जा रहा है। दरअसल मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था।

अलीयेव ने कहा कि भारत के रुख के बावजूद उनका देश पाकिस्तान के साथ रिश्तों को प्राथमिकता देता है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ दिया

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

ऑपरेशन के बाद अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया और भारत के एक्शन की निंदा की। भारत से संघर्ष थमने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अजरबैजान का दौरा भी किया था।

उन्होंने भारत के साथ सैन्य संघर्ष में समर्थन के लिए राष्ट्रपति अलीयेव को धन्यवाद भी दिया था। शहबाज के साथ सेना प्रमुख आसिम मुनीर, उप-प्रधानमंत्री इशाक डार और सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार भी अजरबैजान गए थे।

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन, भारत-अजरबैजान रिश्तों में तनाव

अजरबैजान का उसके पड़ोसी देश आर्मेनिया के साथ नागोर्नो-कराबाख इलाके को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है।

पाकिस्तान और तुर्किये अजरबैजान को खुला समर्थन और सैन्य सहयोग देते हैं। बदले में अजरबैजान कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता है।

जुलाई 2024 में पाकिस्तान दौरे पर राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कश्मीर में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया, जिसे भारत ने अपने आंतरिक मामलों में दखल माना।

ऐसे में भारत ने पिछले कुछ समय में आर्मेनिया के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है। भारत ने जुलाई 2023 में आर्मेनिया को पिनाक रॉकेट लॉन्चर का पहला शिपमेंट डिलिवर किया था।

पिनाक सिस्टम की डिलीवरी होने कीखबर सामने आते ही अजरबैजान में राष्ट्रपति के सलाहकार हिकामत हाजियेव ने भारतीय राजूदत से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने भारत-आर्मेनिया में बढ़ते रक्षा सहयोग पर चिंता जताई थी।

चीन ने अजरबैजान की सदस्यता का समर्थन किया

चीन ने SCO की सदस्यता के लिए अजरबैजान का समर्थन किया है। सोमवार को में SCO समिट की साइडलाइन में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने अलीयेव के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

इस दौरान जिनपिंग ने अजरबैजान की सदस्यता के समर्थन का ऐलान किया। अजरबैजान फिलहाल SCO का डायलॉग पार्टनर कंट्री हैं।

SCO क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और राजनीतिक समन्वय को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख यूरेशियाई संगठन है।

इसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान जैसे पूर्ण सदस्य देश शामिल हैं।

भारत ने 2005 में पर्यवेक्षक के रूप में SCO में हिस्सा लेना शुरू किया और 12 जून 2017 को कजाकिस्तान के अस्ताना में हुए SCO शिखर सम्मेलन में इसे पूर्ण सदस्यता मिली।

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