PM बोले- सेमीकंडक्टर चिप्स: भारत की नई ताकत और वैश्विक रणनीति

0 199

नई दिल्ली,02 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में सेमीकॉन इंडिया-2025 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज पूरी दुनिया भारत पर भरोसा करती है। दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत अब बैकएंड से निकलकर एक फुल-स्टेक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की राह पर है। हम सभी निवेशकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। वो दिन दूर नहीं, जब दुनिया कहेगी, डिजाइन्ड इन इंडिया, मेड इन इंडिया एंड ट्रस्टेड बाय वर्ल्ड। डिजाइन इन इंडिया और मेड इन इंडिया, यही भविष्य की पहचान होगी। ‘आधुनिक टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5G नेटवर्क, डिफेंस सिस्टम और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री – सभी का भविष्य सेमीकंडक्टर पर आधारित है। इस बयान से साफ है कि भारत आने वाले समय में इस क्षेत्र को अपनी रणनीति का अहम हिस्सा बनाने जा रहा है।

सेमीकंडक्टर का महत्व

सेमीकंडक्टर चिप्स को डिजिटल युग का “हृदय” कहा जाता है।

  • मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप तक

  • सैटेलाइट से लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों तक

  • हेल्थकेयर उपकरणों से लेकर रक्षा प्रणाली तक

हर जगह इनकी जरूरत पड़ती है। चिप्स की कमी से कई देशों को उत्पादन ठप करना पड़ा है। कोविड-19 महामारी के समय यह संकट पूरी दुनिया ने महसूस किया।

भारत की चुनौतियाँ और अवसर

भारत फिलहाल चिप मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर नहीं है। अधिकांश चिप्स का आयात चीन, ताइवान और अमेरिका से होता है।

  • इससे आयात बिल बढ़ता है।

  • सप्लाई चेन में व्यवधान से भारतीय उद्योग प्रभावित होता है।

लेकिन भारत के पास बड़ा उपभोक्ता बाजार, स्किल्ड इंजीनियर्स और निवेश के लिए सही माहौल है। यही वजह है कि सरकार सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को “राष्ट्रीय प्राथमिकता” मान रही है।

सरकार की पहल

प्रधानमंत्री ने “सेमीकंडक्टर मिशन” की शुरुआत की है, जिसमें अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है। इसके तहत:

  • भारत में अत्याधुनिक चिप निर्माण इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी।

  • ग्लोबल कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित किया जा रहा है।

  • रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए युवाओं और इंजीनियरिंग संस्थानों को जोड़ा जा रहा है।

वैश्विक दृष्टि

दुनिया में सेमीकंडक्टर उत्पादन का केंद्र एशिया ही है। ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन इस क्षेत्र के बड़े खिलाड़ी हैं। अमेरिका और यूरोप भी इस बाजार पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में भारत का प्रवेश न केवल उसकी आर्थिक ताकत बढ़ाएगा, बल्कि उसे “वैश्विक रणनीतिक संतुलन” का भी हिस्सा बना देगा।

पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस देश के पास चिप्स की ताकत है, वही दुनिया की टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री पर हावी रहेगा। भारत इस क्षेत्र में देर से आया है, लेकिन अब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उनका संदेश स्पष्ट था कि आने वाले दशक में भारत को “वैश्विक सेमीकंडक्टर हब” बनाना ही लक्ष्य है।

सेमीकंडक्टर आज सिर्फ तकनीकी जरूरत नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक हथियार बन चुका है। भारत अगर समय रहते इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाता है, तो वह न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि दुनिया की तकनीकी ताकत में भी अहम भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री का यह बयान दरअसल भारत के भविष्य के रोडमैप की झलक है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.