सोना ₹2,404 बढ़कर ₹1.05 लाख के ऑलटाइम हाई पर
नई दिल्ली,01 सितंबर, भारत में सोने की कीमतों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। सोना गुरुवार को ₹2,404 की बड़ी छलांग के साथ ₹1,05,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह तेजी घरेलू और वैश्विक दोनों कारकों का परिणाम मानी जा रही है।
वैश्विक बाजार का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग लगातार बढ़ रही है। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और संभावित मंदी के खतरे ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ा है। सोना हमेशा से ही “सेफ हेवन एसेट” माना जाता रहा है, और जब भी भू-राजनीतिक तनाव या महंगाई बढ़ती है, निवेशक शेयर और क्रिप्टो जैसे जोखिम वाले साधनों से पैसा निकालकर सोने में लगाते हैं।
घरेलू बाजार में मांग
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है। शादी-ब्याह और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग अचानक बढ़ जाती है। इस समय चल रही ऊंची मांग भी कीमतों को रिकॉर्ड स्तर तक ले जाने में अहम कारक साबित हुई। इसके अलावा, रुपये की डॉलर के मुकाबले कमजोरी ने आयातित सोने की कीमत को और महंगा कर दिया है।
निवेशकों के लिए संकेत
सोने की लगातार बढ़ती कीमतें निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर लेकर आई हैं। जिन लोगों ने पहले ही सोने में निवेश किया था, उन्हें अच्छा रिटर्न मिला है। वहीं, नए निवेशक यह सोच रहे हैं कि क्या अब भी सोने में निवेश करना सही रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना एक सुरक्षित विकल्प रहेगा, लेकिन फिलहाल इसकी ऊंची कीमत छोटे निवेशकों को थोड़ी मुश्किल में डाल सकती है।
महंगाई और आम आदमी
सोने की कीमत बढ़ने का असर आम लोगों की जेब पर भी पड़ता है। भारतीय परिवारों के लिए सोना केवल निवेश ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। शादियों और त्यौहारों में सोना खरीदना परंपरा का हिस्सा माना जाता है। ऐसे में कीमतों में आई रिकॉर्ड तेजी लोगों के लिए चिंता का विषय है।
भविष्य का रुझान
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर में कमजोरी जारी रही और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव बढ़े, तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। हालांकि, अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आती है और महंगाई नियंत्रण में रहती है, तो सोने में थोड़ी गिरावट भी देखने को मिल सकती है।
सोने का यह रिकॉर्ड स्तर भारतीय अर्थव्यवस्था और आम निवेशकों दोनों के लिए अहम संकेतक है। जहां निवेशकों को मुनाफा दिख रहा है, वहीं आम उपभोक्ताओं के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है। फिलहाल सोना सुरक्षित निवेश का प्रतीक बना हुआ है और इसकी चमक अभी और बढ़ने की संभावना है।