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सत्ता की बदनाम गली में भटकता नीतीश कुमार
नीतीश कुमार की उम्र चौहत्तर की हो गई है। चौहत्तर से नीतीश कुमार का गहरा संबंध है। चौहत्तर आंदोलन के प्रोडक्ट के रूप में ही ये ख्यात रहे हैं। इसी साल चुनाव होना है। इनके अभूतपूर्व मुख्यमंत्री होने की संभावना बहुत थी, पर ये भूतपूर्व होके…
मालेगांव का दोषी आखिर कौन?
सिल्क नगरी मालेगांव जिसके मखमली अहसास को एक विस्फोट ने छिन्न-भिन्न कर दिया था। यहां के सामाजिक समरसता की ताना-भरनी तार-तार हो गई थी। 29 सितंबर 2008 की उस मनहूस रात ने न केवल नींद छीन ली बल्कि जीने का आधार भी छीन ली। मालेगांव फिर सो नहीं…
भारतीय संविधान के प्रति आरएसएस का दृष्टिकोण
आरएसएस की भारतीय संविधान के प्रति स्वीकृति एक वैचारिक सहमति नहीं, बल्कि एक राजनीतिक एवं सामाजिक अनिवार्यता के तहत लिया गया कदम
झालावाड़ में बच्चों की मौत, इस राष्ट्र की मौत है
झालावाड़ की घटना दिल दहलाने वाली है। यहां स्कूल की दीवार गिरी जिस कारण सात मासूमों की जान चली गई।
धर्मनिरपेक्ष, मानवतावादी साहित्यकार प्रेमचंद
आज विश्व विख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की 145वीं जयंती है।
विलुप्त हो गई खेती की पलवार तकनीक
मिट्टी में नमी बनी रहे इसलिए किसान बीज बोने के बाद मिट्टी की ऊपरी परत पर पलवार तकनीक का प्रक्रिया अपनाते थे।
आज सत्ता-बाजार में सिंदूर की कीमत कितनी रही
सत्ता पक्ष ने कहा कि कांग्रेस को केवल ऑपरेशन-तंदूर याद रहता है ऑपरेशन सिंदूर नहीं
बिहार में क्लासिकल-करप्शन!
करप्शन के आरोपों की बुनियाद पर राजग की सरकार बनी और आज उसी बुनियाद पर सरकार कलंकित भी हो रही है।
अमेरिकी हस्तक्षेप से मुक्ति की दिशा में मध्य एशिया
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोलबंदी को देखते हुये मध्य एशिया अमेरिकी हस्तक्षेप से मुक्ति के प्रयास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
जब बाजार जाति बेचने लगे
आज भारतीय बाजार में ऐसे उत्पाद और सेवाएं तेजी से उभर रही हैं जिसमें जाति को आर्थिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।