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अतीत के झरोखे से वर्तमान का अवलोकन

ब्रह्मानंद ठाकुर भारत प्राचीन काल से ही भवन निर्माण की कला में निष्णात रहा है। तभी तो चीनी यात्री ह्वेनसांग ने मगध सम्राट अशोक के राजमहल का खंडहर देख कर कहा था कि अब भी यह खंडहर स्वर्ग में इन्द्र के महल से ज्यादा भव्य लग रहा है। जब यह…

कटघरे में चुनाव आयोग और लोकतंत्र की परीक्षा

एम अखलाक भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत उसकी चुनावी प्रक्रिया है, और इस प्रक्रिया का संचालन चुनाव आयोग करता है। यह संवैधानिक संस्था न केवल निष्पक्ष और स्वतंत्र मानी जाती है, बल्कि इसे लोकतंत्र का प्रहरी भी कहा जाता है। मतदाता सूचियों की…

भागवत बोले – दुनिया को विविधता अपनाने वाले धर्म की जरूरत, भारत दे सकता है रास्ता

नई दिल्ली । 06 अगस्त 2025 । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि दुनिया को उस धर्म की जरूरत है जो विविधताओं को अपनाए, जैसे कि हिंदू धर्म। भागवत नागपुर में धर्म जागरण न्यास के नए कार्यालय के उद्घाटन…

श्रीकृष्ण और गोवर्धन पूजा- एक पर्यावरण संदेश

भारत की सांस्कृतिक परंपराएँ केवल धर्म और भक्ति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे प्रकृति से जुड़ने और उसे सम्मान देने का भी मार्ग प्रशस्त करती हैं। गोवर्धन पूजा, जो दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है, न केवल श्रीकृष्ण की लीलाओं की याद दिलाती है,…

जिसका ‘दोस्त’ अमेरिका उसे दुश्मन की जरूरत क्या है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के फ़ैसले व बयानों से यही नज़र आ रहा है कि उन्होंने पूरे विश्व को अशांत व विचलित करने का ठेका ले रखा है

बिहार में सामाजिक न्याय और भाजपा

बिहार लोकतंत्र का केंद्र रहा है। यह बात अलग है कि पहले बिहार में लोकतान्त्रिक चेतना हुआ करती थी, पर आज वह लोकचेतना, जातीय चेतना में परिवर्तित हो गयी है। वह लोक अब जाति बन गयी है। लोक-सघर्ष अब जातीय-संघर्ष हो गया है। बिहार के लिए…

दल के दलदल में फंसा बिहार विधानसभा चुनाव

आफाक आजम इस साल के आखिर में होने वाला विधानसभा चुनाव एनडीए और महागठबंधन के अलावा कई ऐसी पार्टियां चुनावी मैदान में होंगी जो दोनों गठबंधन के लिए परेशानी का सबब बनेगी। इसमें तीन प्रमुख पार्टियां हैं। पहले से बिहार के सीमांचल में पांव जमा…