Blog चेत-कबड्डी, गुल्ली-डंडा The Dialogue Jan 5, 2025 0 गांव में कुछ खेलों का मौसम होता था और कुछ खेल सालों भर खेले जाते थे। चेत-कबड्डी, गुल्ली-डंडा, लुका-छिपी ऐसा ही खेल था।
ठाकुर का कोना यह ठंढ और गांव का घूरा The Dialogue Jan 3, 2025 0 नया साल फिर भीषण ठंड का सौगात लेकर आया है। गांव के लोगों को इसका अंदाजा पहले से था। गत साल भी ठंड का आगमन देर से जनवरी में ही हुआ था।
Blog कभी ये हुनर गांव की विशिष्ट पहचान हुआ करती थी The Dialogue Dec 18, 2024 0 आज गांव की महिलाएं भी हर छोटी-छोटी चीजों से लेकर अपने दैनिक जरूरतों के लिए पूरी तरह से बाजार पर निर्भर हो गई है।
ठाकुर का कोना एक कवि, जिनकी कविता में ग्राम्य जीवन की संस्कृति बोलती है The Dialogue Dec 1, 2024 0 जिस रचनाकार से मेरा परिचय होता है, उनका नाम है, राम जीवन शर्मा 'जीवन'। जिनकी कविता में ग्राम्य जीवन की संस्कृति बोलती है।
Blog कितना बदल गया अब गांव! The Dialogue Nov 18, 2024 0 परिवर्तन प्रकृति का नियम है। लेकिन वैसा परिवर्तन, जिससे गांव की मौलिक पहचान ही नष्ट हो जाए, स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
Baba Nama सन्नाटों से संवाद करते गांव The Dialogue Sep 28, 2024 0 हजारों वर्षों तक सभ्यता और संस्कृति को आगे तक ले जाने के लिए गांव ने ही अपना कन्धा लगाया? भारत को समझने का अर्थ है भारत के गांव को समझना।
ठाकुर का कोना परस्परावलंबित गांव ही कर पाएंगे वैश्वीकरण की चुनौतियों का सामना The Dialogue Sep 24, 2024 0 भारत गांवों का देश है। यहां के रीति-रिवाज, परम्परा, उन्नत संस्कृति और आपसी भाईचारे की भावना गांव की पहचान रही है। वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में गांव की वह पहचान मिटने लगी है। आपसी रिश्तों में दरारें पड़ चुकी हैं।