राम राज्य मे बाबा का धाम "मंदिर" व्यवसायिक केंद्र के रूप मे तब्दील हो गया है। पहले दर्शन के लिए शुल्क की व्यवस्था बनायी गयी। अब देव दीपावली पर मंदिर परिसर में 'पितरों' के नाम से दीये जलाने के लिए भी मंदिर शुल्क लगेगा।
नब्बे के दशक में मैं पूरी गया था। गया था तो एक सम्मेलन में, लेकिन मंदिर की वास्तुकला देखने की इच्छा हुई। कोणार्क तब तक देख चुका था। हम चार मित्र थे जिसमें एक मुस्लिम मित्र भी थे। कोणार्क सूर्य मंदिर में तो कोई दिक्कत नहीं थी।
मंदिर भी डूब रहे, मस्जिद भी। बाढ़ किसी की नहीं सुन रही। वह अंधी, बहरी, गूँगी हो गयी है। लोग लाख मनाने की कोशिश करते हैं, वह मान ही नहीं रही है। हर दिन उसका रौद्र रूप डराता है जन मानस को।
नेताओं की चढ़ी चर्बी चिंता का विषय रही है। बहुत ही चर्बीदार हो रहे हैं लोग। चर्बी का अपना एक वर्गीय चरित्र है। यह चर्बी वर्गविहीन समाज की स्थापना में बहुत बड़ी बाधा है। इस बाधा को दूर करने की सदियों-सदियों से कवायद हो रही है पर यह सवाल सनातन…