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secularism

धर्म हमारी समस्या का समाधान नहीं कर सकता

आज हम महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सांस्कृतिक पतन की जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिसका समाधान धर्म एवं धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से सम्भव नहीं है।

छात्रों का राजनीति में शामिल होना जरूरी

"जब वक्त पड़ा गुलिस्तां को, खूं मैंने दिया, अब बहार आई तो कहते, तेरा काम नहीं'। यह कथन उन राजनेताओं के लिए बिल्कुल सटीक है जो छात्र-युवाओं की कुर्बानी के बल पर सत्ता हासिल करने के बाद उनको राजनीति से अलग रहने की नसीहत देते हैं।

भाजपा: भगवती जागरण पार्टी !

राजनीति को पहले अपना धर्म निभाना चाहिए। जो काम मठ और मंदिर का है, साधु और महात्मा का है, वह काम सरकार न करे। अधार्मि-आचरण लेकर अधार्मिक-अभियान में शामिल होना अशोभनीय है, इसे कतई सराहा नहीं जा सकता है।