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Novelist

उनींदे- अनठाये दिनों के लिए कुछ शब्द

खैर, मेरे दिन यों ही खर्च हो रहे थे। भटके हुए लाचार दिन।‌ उन्हीं दिनों भागलपुर की सड़कों पर अलग से हंगामे थे। छात्र व्यवस्था बदलने के लिए उताहुल थे।