NEWS कलम चाह ले तो सियासत को पछाड़ सकती है The Dialogue Jan 9, 2025 0 आज के अधिकांश कलमकार समझौतावादी बन चुके हैं। उनकी कलम शोषितों-पीडितों की पीड़ा को अब आवाज नहीं देती।
Blog अब नहीं आता गुलाब छड़ी बेचने वाला जोखन The Dialogue Sep 25, 2024 0 सामने की सड़क पर दो-तीन छोटे बच्चे साइकिल से प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ लगा रहे थे। उनमें एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। वैसे भी मनुष्य का जीवन आजकल एक-दूसरे को पछाड़, आगे निकल जाने की होड़ को समर्पित हो चुका है। बच्चे क्यों अपवाद बनें?