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निजी क्षणों के बयान

संसार की क्षणभंगुरता को जानते हुए भी बने रहने की कामना दुख का सबसे बड़ा कारण है। जीवन में कुछ पाने से ज्यादा त्यागना महत्वपूर्ण है।

न बनें बाज या फफिन

धर्म वही बड़ा है जो मनुष्य की रक्षा करे। हमें न बाज बनना है, न फफिन। वह ज़िंदगी हीं होती है जो बाज और फफिन को जीत लेती है।

वचन जाये पर प्राण न जाई

अब प्राण बचाने हैं, चाहे जैसे भी हो। प्राण अगर संकट में नहीं है, तब भी वचन पर अड़ना नहीं है। वचन तो वचन है, आता जाता रहता है।