इज़राईली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्धोन्माद में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्होंने न केवल युद्ध के सभी नियमों, नीतियों व सिद्धांतों को किनारे रख दिया है
पूरा विश्व गोया इस समय बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। सामने से तो यही नज़र आ रहा है कि एक तरफ़ कल तक सोवियत संघ के रूप में साथ रहने वाले दो देश रूस व यूक्रेन युद्धरत हैं तो दूसरी तरफ़ इस्राईल बनाम ईरान-हमास-लेबनान व हूती के बीच युद्ध चल रहा है।
इज़राइल और गाजा पट्टी वाले युद्ध में 42 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं जिनमें 16,765 बच्चे हैं। इसके अलावे 18 हज़ार बच्चे ऐसे हैं जो अनाथ हो चुके हैं। अब इस धरती पर न उसके पिता बचे, न माँ। दस हज़ार लोगों का पता नहीं है और 97 हज़ार फ़िलिस्तीनी…
विश्व शांति खतरे में है। अमेरिका, ब्रिटेन भी आंखें दिखा रहा है। दुनिया में मरने मारने के हथियार द्वितीय विश्व युद्ध से हजार गुणा बढ़ा हुआ है। आम जीवन से लेकर ख़ास जीवन में कामनाओं का साम्राज्य है।
जब से मोबाईल फ़ोन प्रचलन में आया है तब से देश में ऐसे सैकड़ों हादसों की ख़बरें आईं जिनसे पता चला कि मोबाइल फ़ोन में ब्लॉस्ट हो गया। कभी उनकी बैटरी ओवर हीट होकर फट गयी तो कभी चार्जिंग में लगे सेलफ़ोन में विस्फ़ोट हो गया।