Browsing Tag

democracy

धारा 370 और रणबीर संहिता

1932 में बनी रणबीर संहिता में यह प्रावधान था कि जो गोहत्या करेगा उसे फांसी होगी। मुस्लिम बाहुल्य होने के बावजूद रणबीर संहिता यहाँ सुरक्षित थी।

डोनाल्ड ट्रम्प और दुर्योधन

डोनाल्ड ट्रम्प के अंदर से कभी भी राजतंत्र का उदय हो सकता है। तब भी अमेरिकी लोग अभिमानी दुर्योधन जैसे डोनाल्ड ट्रम्प को चुना तो यह कम आश्चर्य की बात नहीं है।

चुनाव के बोझ से दबा लोकतंत्र

नेताओं की जीभ जब फिसलने लगे। इनके अनाप-शनाप बयान आने लग जाए। हिन्दू-मुसलमान, जातीय और साम्प्रदायिक दंगे भी होने लग जाए। ईडी, सीबीआई एक्टिव हो जाए। कुछ नेता और कार्यकर्ताओं के मारे जाने की खबर भी आने लग जाए तो आप अंदाजा लगाने में देर नहीं…

आओ, पार्टी-पार्टी खेलें

पूंजीवादी अर्थनीति के चरित्र से नावाकिफ रहने वाले इसे नहीं समझ पाएंगे, अर्थनीति व्यवस्था क्रांति से बदलती है चुनाव से नहीं..

जन सुराज का यह पुनमिया कुशाल यानी पीके

यहाँ पीके यानी पुनमिया कुशाल की नहीं, बल्कि मैं प्रशांत किशोर की बात कर रहा हूँ। बिहार के सियासी लोक में इनका अवतरण हुआ है। आमिर खान की तरह यह प्रशांत किशोर भी पिछले दो साल से बिहार में भटक रहे हैं

पब्लिक पालिका: स्थानीय लोकतंत्र और आर्थिक सशक्तिकरण का नया युग

एक ऐसी दुनिया, जहाँ लोगों की आवाज़ न केवल सुनी जाती है, बल्कि वह सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित करती है कि संसाधनों का प्रबंधन कैसे हो, करों का आवंटन कैसे किया जाए, और सार्वजनिक सेवाओं का वितरण कैसे किया जाए।

लोकतंत्र में लोक कहीं का नहीं रहा।

डॉ लोहिया ने संसद में एक बार कहा था कि हर सरकारी सेवक को बोलने का अधिकार होना चाहिए। लोकतंत्र में लोगों का मुख बंद रखना लोकतंत्र की अवहेलना है ‌।