जब स्वामी सहजानंद सरस्वती ने गांधी जी की बोलती बंद कर दी थी
आजादी के बाद सहजानंद सरस्वती गांधी और जयप्रकाश की तरह सत्ता से अलग रहते हुए किसान-मजदूरों का राज स्थापित करने के लिए अपना स्वर मुखर करते रहे।
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.