भारत में गौसंरक्षण पर सरकारी योजनाएँ
भारत में गाय केवल एक पशु नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से विशेष महत्व रखती है। प्राचीन काल से ही गायों को “गौमाता” का दर्जा दिया गया है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी गई है। इसी परंपरा और सामाजिक मान्यता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार समय-समय पर गौसंरक्षण और संवर्धन हेतु विभिन्न योजनाएँ लागू करती रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल गायों की सुरक्षा करना है, बल्कि डेयरी उद्योग, ग्रामीण आजीविका, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देना है।
1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission)
2014 में शुरू की गई यह योजना स्वदेशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत गोपाल ग्राम और गोकुल ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ उच्च गुणवत्ता वाले प्रजनन केंद्र और नस्ल सुधार कार्य किए जाते हैं। इस योजना से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
2. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (Rashtriya Kamdhenu Aayog)
2019 में स्थापित यह आयोग गायों के संरक्षण, प्रजनन, अनुसंधान और गो-आधारित उद्योगों के विकास के लिए कार्य करता है। आयोग का उद्देश्य गाय से संबंधित पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक को जोड़कर नए रोजगार अवसर तैयार करना है।
3. पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य एवं जैव-प्रौद्योगिकी मिशन
इस योजना के तहत पशुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा और टीकाकरण उपलब्ध कराया जाता है। इसका उद्देश्य गौवंश को विभिन्न बीमारियों से बचाना और डेयरी उत्पादन को टिकाऊ बनाना है।
4. गोचर भूमि संरक्षण योजना
कई राज्यों में यह योजना लागू की गई है ताकि गायों के लिए चरागाह भूमि सुरक्षित रखी जा सके। इससे गायों को प्राकृतिक चारे की सुविधा मिलती है और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
5. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission)
यह योजना पशुधन क्षेत्र में सतत विकास और आजीविका सुधार पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत गायों की देखभाल, चारे की उपलब्धता और आधुनिक डेयरी तकनीक पर विशेष जोर दिया जाता है।
6. राज्य स्तरीय पहलें
कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर गौशाला निर्माण, गौवंश पंजीकरण, और आवारा गायों की देखभाल के लिए योजनाएँ चला रही हैं। उदाहरणस्वरूप, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने गौशाला निर्माण और गौकुल ग्राम जैसी योजनाओं को बढ़ावा दिया है।
गौसंरक्षण का व्यापक महत्व
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था: दुग्ध उत्पादन और गोबर-गोमूत्र आधारित उत्पादों से किसानों की आय में वृद्धि।
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पर्यावरण संरक्षण: गोबर से बायोगैस, खाद और गोमूत्र से जैविक कीटनाशक बनते हैं।
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सांस्कृतिक विरासत: भारतीय परंपरा में गाय का स्थान अद्वितीय है।
भारत सरकार की गौसंरक्षण योजनाएँ केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि यह किसानों की आय, रोजगार सृजन, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ी हुई हैं। यदि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए तो गायों का संरक्षण तो होगा ही, साथ ही ग्रामीण विकास की दिशा में भी बड़ा कदम सिद्ध होगा।