कहाँ हम, कहाँ आप

एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप में खटपट

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डॉ योगेन्द्र
आपको आज की तीन ताजा खबर से परिचित करवाऊँगा। एक- हैदराबाद के एक पूर्व फौजी ने अपनी पत्नी की हत्या की, उसके कई टुकड़े किए और फिर कुकर में उबाला और तब फेंका। इससे ही जुड़ी खबर है कि साँस के मृत्यु-भोज में तीन साढ़ू शरीक हुए। एक को दूसरे साढ़ू और उसके भाई ने मिलकर हत्या कर दी। यह है समाज की हालत। यह महज खबर, इससे किसी पर कोई असर नहीं पड़ता। जिस देश में महात्मा गांधी के हत्यारे की शौर्य कथा कही जाती हो और हम सुनते हों, वहाँ ये सब हत्याएं मामूली बातें हैं। हर दिन यह सब होती रहती हैं। कोई कितना रोये या झींके! महात्मा गांधी की हत्या में गोडसे तो टूल थे, असली दिमाग तो खुद को वीर घोषित करने वाले का था। खैर। अभी इसकी चर्चा बंद करते हैं। आपको दो और खबरें सुनानी है। दूसरी खबर यह है कि आप तो जानते हैं कि बीस वर्षों से बिहार में सुशासन की सरकार है। इस सरकार के रहते बिहार के एक जिले मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहाँ इतने रूपए, सोना और चाँदी मिले कि आँखें फटी की फटी हैं। फिलहाल दो करोड़ के आसपास कैस मिला है, 1.3 किलो सोना और 27 किलो चाँदी मौजूद है। दरभंगा, पटना, मुजफ्फरपुर, मधुबनी आदि जगहों पर आवासीय और खेती योग्य जमीन तथा फ्लैट तो है ही। यह तो दूसरी खबर है। इसी खबर से चिपकी है, एक खबर। खबर यह भी है कि जिस जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के यहाँ छापा पड़ा था, वह बैठे-बैठे मुस्कुरा रहा था। अखबार लिखता है कि यह बेशर्मी है। अखबार ने गलत लिखा। यह बेशर्मी नहीं है। वह जानता है कि सब माल बिकाऊ है। जहाँ भी मामला जायेगा और जिसके पास भी जायेगा, उसे खरीद लिया जाएगा। शर्म तो सरकार को आनी चाहिए कि सबकुछ होता रहता है और उसे पता ही नहीं चलता। और पता भी कैसे चले, वह तो खुद वोटरों को खरीद कर बनी है। भ्रष्टाचार में डूब कर जो सरकार बनती है, उससे ज्यादा उम्मीद करना बेकार है।
और तीसरी खबर यह है कि एलन मस्क और ट्रंप में खटपट हो गई है। कृत्रिम मेधा पर किसका कब्जा होगा? उससे पैसे कौन बटोरेगा? ट्रंप ने ‘स्टारगेट’ प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें मस्क के प्रतिद्वंद्वी सैम ऑल्टमैन शामिल हैं। मस्क खुद व्यापारी है। ऑल्टमैन की कंपनी है ओपनएआई जिसने चैटजीपीटी का निर्माण किया है। मस्क भी अपना एआई विकसित कर रहा है। स्टारगेट में उनकी कंपनी शामिल नहीं है। पूँजीपतियों के रगड़े- झगड़े तो बढ़ेंगे ही। एक दूसरे पर हमले भी होंगे। इन झगड़ों के बीच वाशिंगटन की एक बिशप मैरिएन एडगर ने ट्रंप से अपील की है कि ट्रांस जेंडर्स और प्रवासियों पर दया भाव रखना चाहिए तो उन्हें कहा जा रहा है कि वे माफी मांगें। जब कट्टर लोगों ने गांधी को नहीं छोड़ा तो बिशप बेचारी को कौन छोड़ेगा। वैसे उन्होंने माफी मांगने से इंकार कर दिया है। यह सुखद खबर है। कुछ लोगों की रीढ़ तो मजबूत रहनी चाहिए। मतवाले हाथी के सिर पर कोई महावत तो हो। वक्त के लिए जरूरी है कि प्रेम और सहानुभूति की दुनिया रचें, वरना लोगों का जीना हराम हो जायेगा।

Conflict between Musk and Trump
डॉ योगेन्द्र

 

(ये लेखक के निजी विचार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं
जवाबदेह है। इसके लिए Swaraj Khabar उत्तरदायी नहीं है।)
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