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ठाकुर का कोना
यह सिंथेटिक समाज सेवा का दौर है
बेरोजगारी के जमाने में सिंथेटिक समाजसेवा का व्यवसाय आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बड़ा ही लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
यह मुफ्त की रेबड़ी नहीं, जनता का वाजिब हक है
लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के सुखी जीवन जीने के लिए तमाम मूलभूत सुविधाएं मुफ्त की रेबड़ी नहीं, जनता का वाजिब हक है।
युवा पीढ़ी को बर्बाद करने की साजिश
पूंजीपति वर्ग युवा पीढ़ी को बर्बाद करने की साजिश कर नैतिक और सांस्कृतिक रूप से अवनति के गर्त में धकेल रहे हैं।
कहां है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता?
संविधान में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा।
जातिवाद किसी समस्या का समाधान नहीं
जाति और धर्म में बंटे रहकर जनता की किसी भी बुनियादी समस्या का समाधान सम्भव नहीं है।
पूंजीवाद ही है भ्रष्टाचार की जड़
पूंजीवाद ही है भ्रष्टाचार की जड़ क्यूंकि भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई होती रही है लेकिन भ्रष्टाचार है कि रुकने के बदले बढ़ता ही है।
फिर आया वादों का मौसम
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में पार्टियों ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया है। इसे पढ-सुन कर दिल्ली वालों बाग-बाग होने लगा होगा।
नेताजी का धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर देश भर में आजादी आंदोलन में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जाएगा।
यही है निर्वैयक्तिक मातृत्व
संजय की मां ने कहा कि 'मेरी भी बेटियां हैं। मैं उस लड़की के मां-बाप का दुख समझती हूं।' यही है निर्वैयक्तिक मातृत्व।
खाद्य सामग्रियों में मिलावट और निरुपाय उपभोक्ता
मुनाफाखोर पूंजीवादी व्यवस्था ने दौलत अर्जित करने की होर में खाद्य सामग्रियों में भी मिलावट का धंधा बदस्तूर जारी कर दिया है।