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इन दिनों
कालिख से पुते लोग
वैसे तो राजनीति में दूध का धुला तो कोई नहीं होता, लेकिन कालिख में डूबे लोग भी नहीं होना चाहिए।
शीशे के दो घर और उछलते पत्थर
दिल्ली अब अपनी समस्याओं को भूल शीशमहल और राजमहल में उलझ गई है। अच्छा होता दोनों महल की सच्चाई देश के सामने रख देते।
पश्चिम देशों में भारतीयों के प्रति घृणा
पश्चिम देशों में भारतीयों के प्रति घृणा बढ़ी है। कनाडा में भारतीयों को देख कर बस कंडक्टर बस नहीं रोकता।
नालंदा के मुख्यमंत्री से ज्यादा उम्मीद न करें
आप बिहार के राजगीर या नालंदा घूम लें। लगेगा कि बिहार का जम कर विकास हुआ है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है।
बिधूड़ीयों के राज में हम सब
इच्छाओं और आकांक्षाओं में लिपटी हमारी चेतना को पता ही नहीं चलता कि कब हमारा शिकार हो गया। उस पर बिधूड़ी जैसे लोगों का राज।
चीनी घुसपैठ और प्रधानमंत्री की चुप्पी
बांग्लादेशी घुसपैठ की झूठी सच्ची खबर पर चीखना चिल्लाना जारी है और चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री की चुप्पी समझ से पड़े हैं।
जब धृतराष्ट्र की आँखों का ऑपरेशन हुआ
सदियों से धृतराष्ट्र को आँखें नहीं थीं। अंधापन उसके जीवन का अभिशाप था। लेकिन कलियुग में धृतराष्ट्र की आँखों का ऑपरेशन हो गया
अमेरिका का निमंत्रण पत्र और जय श्रीराम
विदेश मंत्री जयशंकर अमेरिका से लौट आये हैं। जब वे अमेरिका में थे तो देश में यह खबर शबाब पर थी कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए निमंत्रण लाने गये हैं।
केजरीवाल की शह और मात
अन्ना आंदोलन के केंद्र में जन लोकपाल था। आज कल यह जन लोकपाल कहाँ हैं? इसे भ्रष्टाचार रोकने के लिए रामबाण माना गया था।
नव वर्ष, आदिवासियत और उलटबाँसी
नव वर्ष में क्या हिन्दू, क्या मुसलमान- सभी जश्न मनाने निकल पड़ते। कुछ लोग लिख रहे हैं कि यह नव वर्ष ईसाइयों का है।