बिहार में बीएसडीएमए और टिस मिलकर करेंगे आपदा प्रबंधन

समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

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पटना, स्वराज खबर। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने बिहार में बाढ़, बिजली गिरने, सूखा, आग और अन्य आपदाओं के जोखिम को देखते हुए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्षमतावर्धन के लिए गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किया।
प्राधिकरण के सचिव मीनेन्द्र कुमार और टिस की प्रोफेसर जैकलीन जोसफ के बीच इस समझौता ज्ञापन का औपचारिक आदान-प्रदान प्राधिकरण के सभाकक्ष में हुआ। इस अवसर पर उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत, सदस्य श्री पी. एन. राय, कौशल किशोर मिश्र, नरेंद्र सिंह, प्रकाश कुमार सहित प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी और टिस के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
एमओयू के तहत, टिस और बीएसडीएमए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में ज्ञान साझा करेंगे। इसका उद्देश्य राज्य में आपदा प्रबंधन की क्षमताओं को सुदृढ़ करना और बाढ़, बिजली गिरने, सूखा, आग और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कम करना है। इस सहयोग के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए जाएंगे:

1. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम और सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों की प्रभावकारिता का मूल्यांकन।
2. सामाजिक वल्नरेबिलिटी और आपदाओं के मानसिक व मनोसामाजिक प्रभावों पर अनुसंधान।
3. राज्य के विभिन्न जोखिम क्षेत्रों में वल्नरेबिलिटी का मूल्यांकन कर एक व्यापक वल्नरेबिलिटी मानचित्र तैयार           करना।
4. विभिन्न विभागों के लिए आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम विकसित करना।
5. एक संरचित इंटर्नशिप कार्यक्रम का आयोजन, जिसमें इंटर्न बीएसडीएमए की परियोजनाओं में भाग लेंगे।
6. बिहार के विश्वविद्यालयों में आपदा प्रबंधन के शिक्षण और अनुसंधान को सशक्त करना।

टिस और बीएसडीएमए संयुक्त रूप से शोध विषय बैंक का निर्माण करेंगे, जिसमें संबंधित शोध विषयों पर कार्य किया जाएगा। टिस एक शिक्षण कार्यक्रम तैयार करेगा, जिसमें प्रतिभागियों को शोध के डिजाइन और कार्यान्वयन में मार्गदर्शन मिलेगा। इस समझौते के तहत समन्वय और निगरानी प्रणाली भी स्थापित की जाएगी, जिसके अंतर्गत टिस की एक कोर टीम पटना में कार्य करेगी। यह साझेदारी राज्य में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और समाधान प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएसडीएमए और टिस का यह संयुक्त प्रयास राज्य के नागरिकों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को और सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

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